Himachal: सुक्खू सरकार की नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, मृत्युदंड और 10 लाख का जुर्माना, विधानसभा में विधेयक पेश

punjabkesari.in Thursday, Mar 27, 2025 - 01:41 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने शिमला स्थित विधानसभा में दो विधेयक पेश किए हैं, जिनका उद्देश्य न केवल नशा तस्करी को नियंत्रित करना है, बल्कि नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए भी कार्य करना है।

हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण और नियंत्रण) विधेयक 2025

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण और नियंत्रण) विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक के पारित होने के बाद नशा तस्करों के खिलाफ सख्त दंडात्मक प्रावधान लागू होंगे। इसके तहत, नशा तस्करी के मामलों में दोषी पाए जाने पर तस्करों को मृत्युदंड, आजीवन कारावास के साथ-साथ 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि इस विधेयक के तहत, यदि कोई व्यक्ति नशीली दवाओं का परिवहन, आपूर्ति या भंडारण करता है, तो उसे सजा दी जाएगी। इसके अलावा, अवैध खनन, वन्यजीवों की तस्करी, मानव तस्करी, झूठे दस्तावेजों के साथ काम करने, मानव अंगों की तस्करी, खतरनाक पदार्थों की डंपिंग, और बौद्धिक संपत्ति की जालसाजी जैसे संगठित अपराधों को भी इस कानून के तहत सजा दी जाएगी।

विधेयक के अनुसार, यदि कोई संगठित अपराध सिंडिकेट हिंसा करता है और इसके परिणामस्वरूप किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसे आजीवन कारावास या मृत्यु दंड हो सकता है। इसके अलावा, इन सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा नशे या अन्य अवैध तरीकों से अर्जित संपत्ति की कुर्की की जा सकेगी। अपराध के प्रकार के आधार पर सजा की अवधि छह महीने से लेकर 10 साल तक हो सकती है।
इसके साथ ही, शिक्षण संस्थानों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू या अन्य नशीली दवाइयां बेचने पर भी कड़ी पाबंदी लगाई जाएगी।

हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रित पदार्थ (निवारण नशामुक्ति पुनर्वास) 2025 विधेयक

इसके अलावा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रित पदार्थ (निवारण नशामुक्ति पुनर्वास) 2025 विधेयक सदन में प्रस्तुत किया। इस विधेयक के तहत नशे की लत में फंसे व्यक्तियों का पुनर्वास किया जाएगा।

विधेयक के तहत, सरकार को पुनर्वास केंद्र खोलने की पूरी शक्तियां प्राप्त होंगी। इन केंद्रों के लिए अनुदान की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) से धन जुटाया जाएगा। इसके साथ ही, पुनर्वास केंद्रों की स्थापना के लिए एक विशेष निधि का गठन भी किया जाएगा।

लोकसेवकों के लिए सख्त प्रावधान

विधेयक में यह भी प्रावधान है कि यदि कोई लोकसेवक नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे सामान्य सजा से डेढ़ गुणा सजा और जुर्माना भुगतना होगा। इसी तरह, 18 साल से कम उम्र के युवक यदि नशीले पदार्थों के साथ पकड़े जाते हैं, तो उन्हें भी लोकसेवकों की तर्ज पर सजा और जुर्माना देना होगा। यह दोनों विधेयक राज्य में नशे की समस्या पर काबू पाने और नशे के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक अहम कदम साबित हो सकते हैं।


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Content Editor

Jyoti M

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