मंडी जिले में आत्महत्या के मामलों पर ब्रेक लगाएगी ''सुसाइड रोकथाम'' हैल्पलाइन

punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2023 - 11:28 PM (IST)

मंडी (रजनीश हिमालयन): मंडी जिले में सुसाइड के मामलों को कम करने के लिए मंडी पुलिस ने नई पहल शुरू की है। पुलिस आत्महत्या के मामलों में हैल्पलाइन नंबर के माध्यम से रोक लगाएगी। जिले में सुसाइड के मामले आने वाले समय में न बढ़ें, इसके लिए एसपी मंडी सौम्या सांबशिवन ने पहले ही सतर्क होकर किसी न किसी कारण से आत्महत्या के लिए कदम उठाने वालों की मदद करने के लिए कार्य करना शुरू किया कर दिया है। अब ऐसे लोगों की सहायता सुसाइड रोकथाम हैल्पलाइन से की जाएगी। यह सुसाइड रोकथाम हैल्पलाइन नंबर 155326 24*7 कार्य करेगा। 

पिछले 2 वर्षों में 225 महिला-पुरुषों ने की थी आत्महत्या
वर्ष 2021 में आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा मंडी जिले में 113 था। इनमें 18 साल से कम आयु के 9 लोगों ने आत्महत्या की जबकि 18 से 60 साल के बीच में 67 पुरुष और 26 महिलाएं, जबकि 60 वर्ष की आयु से ऊपर 8 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल थीं। वर्ष 2022 में मंडी जिले में 112 लोगों ने आत्महत्या की थी। इनमें 18 साल की आयु से नीचे 9 व्यक्ति और 18 से 31 साल के बीच में 62 पुरुष व 31 महिलाएं और 60 साल से अधिक आयु में 10 लोगों ने आत्महत्या की थी। 

इस साल 89 लोग कर चुके हैं आत्महत्या
मंडी जिले में इस वर्ष पुलिस विभाग में दर्ज आंकड़ों में 89 लोग अपनी इहलीला समाप्त कर चुके हैं। इनमें 4 व्यक्ति 18 वर्ष की आयु के बीच के हैं, जबकि 75 पुरुष-महिला 18 से 60 साल और 10 पुरुष व महिलाएं 60 साल की आयु के ऊपर के शामिल हैं।

26 प्रतिशत सरकारी-निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने की आत्महत्या
इस साल में आत्महत्या करने वालों में सबसे ज्यादा सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी हैं। दूसरे नंबर पर किसान हैं। मंडी जिले में अब तक 26 प्रतिशत सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि 25 प्रतिशत किसान, 16 प्रतिशत गृहिणियां, 9 प्रतिशत विद्यार्थी, 6 प्रतिशत बिजनैसमैन व सैल्फ इम्प्लाइज, 16 प्रतिशत अन्य और 2 प्रतिशत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। 

ये हैं आत्महत्या के कारण
मंडी जिले में अब तक हुई आत्महत्या के मामले के कारणों में प्रेम-प्रसंग, घरेलू ङ्क्षहसा, परीक्षा में असफल होना, सामाजिक विवाद, करियर की उम्मीदें, अवसाद के कारण, बीमारी, मादक पदार्थों की लत, नशे की अवस्था में पत्नी से विवाद, नशे के कारण अवसाद बढऩा, पत्नी से अनबन, पति से मनमुटाव, अचानक प्रतिक्रिया पर पारिवारिक दरार और गरीबी, बेरोजगारी व कर्ज आदि कारण हैं। 

हैल्पलाइन की यह होगी परिचालन प्रक्रिया
आत्महत्या रोकथाम हैल्पलाइन नंबर पर मदद मांगने वाले व्यक्तियों का रिकार्ड गोपनीय रखा जाएगा। सूचना तुरंत संबंधित पुलिस स्टेशन को प्रदान की जाएगी या पुलिस चौकी और संबंधित प्रभारी पुलिस तैनात करेंगे। व्यक्ति को प्रारंभिक राहत प्रदान करने के लिए कर्मचारी बिना किसी देरी के मौके पर पहुंचेंगे और स्थिति के आधार पर व्यक्ति की प्रारंभिक काऊंसलिंग की जाएगी। संबंधित पुलिस द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। व्यक्ति को निकटतम परिवार के सदस्य के पास ले जाया जाएगा, व्यक्ति को निकटतम मनोचिकित्सक या क्लीनिकल के पास ले जाया जाएगा। 

हैल्पलाइन के ये हैं उद्देश्य
हैल्पलाइन के तहत प्रशिक्षित पेशेवरों और स्वयंसेवकों के साथ स्थानीय मानसिक स्वास्थ्य संगठनों, अस्पतालों के साथ सांझेदारी की जाएगी। संकट हस्तक्षेप, सहानुभूति और आत्महत्या में हैल्पलाइन कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, चिंता, अवसाद से जुड़े कलंक को कम करने के लिए कालेज और समुदाय तथा मानसिक स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। प्राप्त कॉल और सुधार के परिणामों पर डाटा इकट्ठा किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि हैल्पलाइन नंबर का व्यापक रूप से प्रचार किया जाए और कॉल करने वाले की गोपनीयता और गुमनामी की गारंटी दें। समय-समय पर हैल्पलाइन के प्रभाव का आकलन करें।

क्या कहती हैं एसपी मंडी
एसपी मंडी सौम्या सांबशिवन आत्महत्या से होने वाली मौतों की बढ़ती दर को रोकने के लिए टोल फ्री नंबर जो मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों की रिपोर्ट करने के लिए स्थापित किया गया है। हैल्पलाइन नंबर मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत आत्महत्या रोकथाम के रूप में भी कार्य करेगा।

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News