निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिक्षा निदेशालय के बाहर गरजा छात्र-अभिभावक मंच

punjabkesari.in Tuesday, Apr 06, 2021 - 05:04 PM (IST)

शिमला (अम्बादत): निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत बढ़ौतरी व कम्प्यूटर फीस में सौ प्रतिशत तक की बढ़ौतरी, छात्रों व अभिभावकों को मानसिक तौर पर प्रताडि़त करने व निजी स्कूलों में प्रबंधन द्वारा शिक्षकों व गैर शिक्षकों की कोरोना काल में छंटनी व उनको वेतन न देने के खिलाफ  छात्र अभिभावक मंच शिक्षा निदेशालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद मंच का प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा से मिला व उन्हें मांग पत्र सौंपा। मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार की नाकामी व उसके निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण निजी स्कूल दोबारा से मनमानी पर उतर आए हैं। ये स्कूल वर्ष 2021 में दोबारा से सीधी लूट पर उतर आए हैं। इन स्कूलों ने इस वर्ष ट्यूशन फीस में अभिभावकों के साथ बिना किसी बैठक के ट्यूशन फीस में 15 से 65 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। निजी स्कूलों ने कम्प्यूटर फीस में 100 प्रतिशत तक की वृद्धि करके उसे दोगुना कर दिया है। इस तरह ये स्कूल कोरोना काल में भी पूर्ण मनमानी कर रहे हैं।
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निजी स्कूल फीस जमा करवाने के लिए बना रहे दबाव

अभिभावकों का कहना है कोरोना काल में जब प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों को 15 अप्रैल तक बंद कर दिया है तब ऐसे समय में निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज भेज कर तुरंत फीस जमा करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं। कुछ स्कूलों ने फीस जमा करवाने के लिए एक सप्ताह का समय भी नहीं दिया है। यह जानबूझकर किया गया है ताकि अभिभावक दबाव में आ जाएं व निजी स्कूलों द्वारा निर्धारित मनमानी फीस को जमा करवाने के लिए मजबूर हो जाएं। जो अभिभावक निजी स्कूलों की लूट का विरोध कर रहे हैं, उन्हें व उनके बच्चों को मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया जा रहा है।

उच्च न्यायालय के निर्णय की हो रही अवहेलना

मेहरा ने कहा है कि वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निजी स्कूलों की फीस के संचालन के संदर्भ में दिए गए दिशा-निर्देशों व मार्च 2020 के शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं व इसको तय करने में अभिभावकों की आम सभा की भूमिका को दरकिनार कर रहे हैं। निजी स्कूल अभी भी एनुअल चार्जिज की वसूली करके एडमिशन फीस को पिछले दरवाजे से वसूल रहे हैं व प्रदेश उच्च न्यायालय के वर्ष 2016 के निर्णय की अवहेलना कर रहे हैं, जिसमें सभी तरह के चार्जिज की वसूली पर रोक लगाई गई थी। अभिभावकों ने प्रदेश सरकार से एक बार फिर मांग की है कि वह निजी स्कूलों में फीस, पाठयक्रम व प्रवेश प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तुरंत कानून बनाए व रैगुलेटरी कमीशन का गठन करे।

निजी स्कूल फीस नियामक कानून जल्द हो लागू : रमेश

हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि निजी स्कूल फीस नियामक कानून को जल्द से जल्द लागू कराएं। अभिभावक संघ शिमला के अध्यक्ष रमेश ने कहा कि अधिकतर अभिभावक निजी स्कूल फीस नियामक कानून का बहुत ही बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को निजी स्कूल फीस नियामक कानून को पास करने में देरी के कारण अभिभावक नाराज है। वहीं छात्र संघ इकाई ने भी इस कानून को लागू करने में देरी होने पर विरोध जताया है। रमेश ने कहा कि प्रदेश में लगभग ऐसा कोई परिवार नहीं है, जिनके बच्चे शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थान नहीं जाते।

2 दिनों के भीतर फीस बढ़ौतरी पर रोक लगाने के जारी होंगे आदेश

वहीं अतिरिक्त निदेशक ने आश्वासन दिया कि दो दिन के भीतर वर्ष 2021 में निजी स्कूलों द्वारा की गई 15 से 65 प्रतिशत फीस बढ़ौतरी पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। अतिरिक्त निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि बिना जनरल हाऊस की मंजूरी के फीस बढ़ौतरी को अमान्य किया जाएगा व निजी स्कूलों को अभिभावकों की आम सभा करके पीटीए के गठन के  आदेश दिए जाएंगे। उन्होंने अध्यापकों व कर्मचारियों के कोरोना काल के वेतन का भुगतान करने का भी आश्वासन दिया। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा, अरुण ठाकुर, किशन सिंह, रमेश चंद, राजेश वशिष्ठ, दिनेश, धर्म चंद, चंद्रमणि, पवन, राजू, बालक राम, दलीप सिंह, सुरेंद्र बिट्टू, पूर्ण चंद, राम प्रकाश, हनी, हिमी देवी, संगीता, सीमा आदि मौजूद रहे।


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Content Writer

Vijay

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