वॉलीबाल को राज्य खेल का दर्जा लेकिन एक दशक से कोई चैम्पियनशिप नहीं

punjabkesari.in Wednesday, Feb 17, 2021 - 04:17 PM (IST)

बिलासपुर (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में वॉलीबाल को राज्य खेल का दर्जा मिला हुआ है जोकि आज विलुप्त होने की कगार पर है। प्रदेश में एक दशक से सीनियर स्टेट चैम्पियनशिप के अलावा कोई चैम्पियनशिप नहीं हुई है। जानकारी मिली है कि हिमाचल प्रदेश वॉलीबाल एसोसिएशन द्वारा सिर्फ नाम के आधार पर जूनियर टीमों का चयन किया जाता है और टीम किसी भी जिला स्तरीय चैम्पियनशिप या चयन से रहित होती है।

जानकारी यह भी है कि जिला हमीरपुर के विभिन्न प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को बिना किसी उचित कारण के चयन के लिए नजरअंदाज किया गया है। जमीनी स्तर पर इस तरह का काम नहीं होना चाहिए। सभी चयन प्रतिभा और प्रदर्शन के आधार पर होने चाहिए। गैर-चयन के लिए प्रतिभा और प्रदर्शन के अलावा कोई भी कारण स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। वॉलीबाल खेल के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर इस तरह के काम करने से प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को कोई मदद नहीं मिलेगी। युवा खिलाड़ियों को मैच उत्तेजना परिदृश्य का अनुभव करने का कोई अवसर नहीं दिया जाता है जबकि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी केवल चैंपियनशिप स्तर पर खेलते हुए समृद्ध हो सकते हैं।

जूनियर लेवल स्टेट चैंपियनशिप का संचालन न करके हिमाचल प्रदेश स्टेट वॉलीबाल एसोसिएशन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यही नहीं, एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पिछले सभी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों, कोचों की अनदेखी की है और कुछ अन्य लोगों को बिना किसी आधार और मानदंडों के अनुकूल बना दिया है। कई कोच और रैफरी भी हिमाचल प्रदेश स्टेट वॉलीबाल एसोसिएशन द्वारा समर्थित नहीं हैं जिन्होंने वॉलीबाल को अपना पूरा जीवन दिया है। सरकार के खेल मंत्रालय, हिमाचल ओलिंपिक संघ और युवा एवं खेल सेवाएं विभाग को गंभीरता से इस मामले को देखना चाहिए।


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Vijay

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