Kangra: श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर काे सरकार ने दी 60 लाख की अतिरक्त फाइनांशियल अप्रूवल

punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 07:26 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के नए भवन के कार्य की अब पूर्ण होने की आस बंधी है। शिखर पहाड़ी पर बनाए जा रहे मां श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के नए भवन परिसर के लिए लंबे समय से लंबित वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। कई बार अतिरिक्त धनराशि जारी करने के लिए प्रस्तावना सरकार के समक्ष रखी जाती रही, परंतु कई बार आक्षेप लगने के कारण फाइनैंशियल अप्रूवल नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में अब सरकार ने मंदिर के लिए अतिरिक्त फाइनांशियल अप्रूवल प्रदान कर दी है।

वर्ष 2014 में रहस्यमयी ढंग से लग गई थी आग
वर्ष 2014 में रहस्यमयी ढंग से आग लगने के कारण मंदिर परिसर जलकर राख हो गया था यद्यपि मां चामुंडा का विग्रह तथा चुनरी यथावत रही थी, जिसके पश्चात मंदिर के नए भवन का निर्माण कार्य आरंभ किया गया। प्रारंभिक चरण में एक करोड़ 5 लाख की धनराशि का टैंडर किया गया तथा कार्य आंरभ किया गया। सूत्र बताते हैं कि अब तक उक्त धनराशि से लगभग 30 लाख रुपए अधिक का कार्य मंदिर के निर्माण कार्य पर किया जा चुका है। ऐसे में इसके लिए सरकार से अतिरिक्त फाइनांशियल अप्रूवल की दरकार थी। उपायुक्त कांगड़ा कार्यालय की ओर से इस संबंध में सरकार के समक्ष प्रस्तावना रखी गई थी, जिस पर अंततः सरकार ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

1.74 लाख की धनराशि का प्रावधान
जानकारी के अनुसार अब लगभग कुल एक करोड़ 74 लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान मंदिर निर्माण के लिए किया गया है। फाइनैंसियल अप्रूवल के अंतर्गत 60 लाख रुपए की और धनराशि प्रशासन को प्राप्त हुई है तथा इससे पहले लगभग 10 लाख रुपए की धनराशि भी प्राप्त हुई थी। मंदिर भवन का आंतरिक फिनिशिंग कार्य किया जाना शेष है, यद्यपि इसके लिए लकड़ी के डिजाइनिंग पैनल तैयार कर लिए गए हैं तथा उनकी ढुलाई का कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार खिड़कियां तथा दरवाजे आदि लगाने का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है तथा उनकी ढुलाई भी की जानी है, यद्यपि पहले ही हिमाचली शैली में चौखटें तैयार कर लगाई जा चुकी हैं।

7 फुट ऊंचा कलश स्थापित
लगभग 10,000 फुट की ऊंचाई पर शिखर पहाड़ी पर स्थित श्री आदि हिमानी चामुंडा मंदिर के निर्माणाधीन भवन में 7 फुट ऊंचा कलश स्थापित कर दिया गया है। इस हेतु पीतल का कलश तैयार किया गया है। इस कलश का भार लगभग 27 किलोग्राम है। मौसमी परिस्थितियों के दृष्टिगत इस कलश पर विशेष कोटिंग करवाई गई है, ताकि लंबे समय तक इसका वास्तविक स्वरूप बना रहे। ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण मंदिर परिसर में लगभग 4 महीने तक बर्फ पड़ी रहती है। वहीं अन्य दिनों में भी तापमान अत्यधिक कम रहता है। पीतल का यह कलश मुरादाबाद से तैयार करवाया गया है।

15 नवम्बर को मंदिर के कपाट बंद करने की परंपरा
यूं तो परंपरा के अनुसार 15 नवम्बर को मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। शिखर पहाड़ी पर हिमपात तथा तापमान के गिरने के कारण प्रतिवर्ष ऐसा किया जाता है, परंतु चूंकि फिलहाल निर्माण कार्य जारी है ऐसे में इस संबंध में मौसमी परिस्थितियों के अनुरूप ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इन दिनों भी मंदिर परिसर में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इस बार मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की संख्या गत वर्ष की अपेक्षा कुछ कम रही है। अत्यधिक बारिश तथा मानसून के दौरान कई क्षेत्रों में आपदा आने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आना माना जा रहा है। गत वर्ष लगभग आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ही पौने 2 लाख श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंचे थे, यद्यपि मंदिर परिसर में अभी तक पानी तथा शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। वहीं श्रद्धालुओं के ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है।

क्या कहते हैं मंदिर अधिकारी और ठेकेदार
मंदिर अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि सरकार से अतिरिक्त फाइनांशियल अप्रूवल प्राप्त हुई है, जिसके अंतर्गत 60 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। मंदिर में निर्माण कार्य जारी है तथा मौसमी परिस्थितियों के अनुरूप ही इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि कपाट कब बंद किए जाने हैं। वहीं ठेकेदार पल्लव मेहरा ने बताया कि मंदिर के आंतरिक फिनिशिंग का कार्य आरंभ किया जा रहा है। इस हेतु डिजाइनिंग पैनल तैयार कर लिए गए हैं वहीं दरवाजे तथा खिड़कियां भी तैयार कर ली गई हैं तथा उनकी ढुलाई करवाई जा रही है। 


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Vijay

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