Shimla: डंके की चोट पर कहता हूं, जो कहता हूं उसे पूरा करना हमारा दायित्व : विक्रमादित्य

punjabkesari.in Saturday, Oct 19, 2024 - 09:11 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वह डंके की चोट पर कहते हैं तथा जो कहते हैं, उसे पूरा करना उनका दायित्व व जिम्मेदारी है। उससे वह पीछे नहीं हटेंगे। उनके लिए प्रदेश हित सर्वश्रेष्ठ हैं। यह बात उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कही। विक्रमादित्य ने कहा कि उन्होंने हमेशा प्रदेश हित में बात की है तथा उस पर वह आज भी अडिग हैं। उनके लिए सबसे पहले राष्ट्र नीति व हित है तथा उसके बाद प्रदेश हित। वह कांग्रेस पार्टी के अभिन्न अंग हैं, लेकिन उन्होंने केवल यह बात रखी कि प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा के साथ समझौता नहीं होना चाहिए।

एक जिम्मेदार मंत्री होने के नाते उनका यह दायित्व भी बनता है कि प्रदेश के 70 लाख लोगों के हितों की रक्षा की जाए। प्रदेश में ऐसा वातावरण व माहौल न बने कि किसी भी तरह से आपसी भाईचारे व आंतरिक सुरक्षा में कोई समस्या आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश एक पहाड़ी व पर्यटन राज्य है। हिमाचल की आय पर्यटन, हाईड्रो पावर, कृषि व बागवानी से आती है। यदि राज्य में कुछ दिन पहले हो रहे आंदोलन जारी रहते तो इससे राज्य का माहौल खराब होता तथा पर्यटन कारोबार प्रभावित होता। इसके लिए सरकार को मजबूत कदम लेने की आवश्यकता है।

स्ट्रीट वैंडिंग कानून को किया जाएगा धरातल पर लागू
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि तहबाजारियों के लिए पहले से ही केंद्र सरकार का कानून बना है। केंद्रीय शहरी व ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2004 में वैंडिंग फॉर अर्बन व रूरल एरिया को लेकर कानून बनाया है। यह कानून पूरे देश में लागू है। प्रदेश में सभी दलों की एक कमेटी बनाई है तथा सभी उसके समक्ष अपना पक्ष रख सकते हैं। इसको लेकर पहले से ही कानून बने हैं। उन्हें आने वाले समय में धरातल पर लागू किया जाएगा। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे राष्ट्रीय हित की बात करते हैं। ऐसे में किसी भी फैसले को राजनीतिक व सांप्रदायिक रूप से देखने की जरूरत नहीं है तथा उन्होंने इस विषय पर यू टर्न नहीं लिया है।

आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए किए प्रयास
उन्होंने कहा कि राज्य में 1993 तक रैवेन्यू सरप्लस स्टेट था तथा उसके बाद राज्य की आर्थिक स्थिति खराब होनी शुरू हुई। लेकिन फिर भी प्रदेश हित में कार्य करने हैं। प्रदेश सरकार आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है।

केंद्र से नहीं मिल रहा सहयोग
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र से हिमाचल को जितना सहयोग मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है तथा केंद्र से मिलने वाला सहयोग भी लगातार कम होता जा रहा है। एक समय में रैवेन्यू डैफिसिट ग्रांट में हिमाचल को 12,000 करोड़ रुपए मिलते थे, वह अगले वर्ष घटकर 2,000 करोड़ रुपए रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि पक्ष व विपक्ष को लगातार हिमाचल के मुद्दों को केंद्र के समक्ष रखना है, ताकि राज्य को अधिक से अधिक सहायता मिले।


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Kuldeep

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