Shimla: ट्रंप के सीजफायर के ट्वीट पर संसद में होनी चाहिए चर्चा : विक्रमादित्य
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 04:14 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर पर किए ट्वीट पर विचार मंथन होना चाहिए। इसलिए केंद्र सरकार को संसद का सत्र बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में अमेरिका के राष्ट्रपति के ट्वीट पर स्पष्टता से बात नहीं की है। उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा पर प्रधानमंत्री को पूरा समर्थन दिया। मंगलवार को शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के फलस्वरूप भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की है, जिसे पूरे देश ने सराहा है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मसला नहीं है। इस विषय पर देश के 140 करोड़ तथा प्रदेश के 70 लाख लोग एकजुट हैं।
पूरा देश पीएम तथा सेना के साथ पूरी चट्टान के साथ खड़ा है। सेना की इस कार्रवाई पर हम सभी को गर्व है। लेकिन जिस तरह से अमेरिका के राष्ट्रपति ने सीजफायर को लेकर बात रखी है, उस पर प्रधानमंत्री ने स्पष्टता से बात नहीं की। इसलिए कांग्रेस पार्टी व अन्य विपक्षी दल तत्काल लोकसभा व राज्यसभा के सत्र को बुलाने की मांग कर रहे है क्योंकि सभी लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार है। इसके लिए जिस तरह से पूरे विपक्ष ने इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ एकता दिखाई है, उसे सदन के पटल पर भी दिखाने की आवश्यकता है। सत्र में देश में पक्ष व विपक्ष के नेता चर्चा करेंगे कि आने वाले समय के लिए क्या नीति बनानी चाहिए।
तुर्की से सेब आयात का मुद्दा उठाएंगे केंद्र से
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि तुर्की से सेब का आयात एक चिंता का विषय है। सेब पर आयात शुल्क कम होने का सीधा नुक्सान हिमाचल के बागवानों को होता है। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि किस तरह से तुर्की तनाव के इस दौर में पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा। चाहे ड्रोन की सहायता हो या फिर तकनीकी सहायता हो। ऐसे में वह केंद्र के साथ तुर्की से सेब आयात पर प्रतिबंध लगाने या फिर आयात शुल्क को बढ़ाने का मुद्दा उठाएंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस मसले को केंद्र से उठाएंगे। क्योंकि प्रधानमंत्री पहले ही बोल चुके हैं कि खून व पानी साथ-साथ नहीं बह सकता है।
पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्जा मिलना चिंता का विषय
उन्होंने कहा कि आईएमएफ से पाकिस्तान को अढ़ाई बिलियन डॉलर का कर्जा स्वीकृत होना चिंता का विषय है। हालांकि यह मामला लंबे समय से लंबित था, लेकिन भारत-पाक तनाव के बीच यह कर्जा मंजूर होना, सोचने पर मजबूर करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हमारे राजदूतों व केंद्र सरकार ने इस विषय को अन्य देशों विशेषकर अमेरिका से उठाया होगा। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि में इससे बाहर निकलने व पाकिस्तान की फंडिंग को रोकने के लिए काम करना होगा।