नए वर्ष पर सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला, मंत्री व कांग्रेस विधायक छोड़ेंगे सबसिडी
punjabkesari.in Wednesday, Jan 01, 2025 - 10:14 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों एवं कांग्रेस विधायकों ने नए वर्ष से नि:शुल्क विद्युत सबसिडी (125 यूनिट) छोड़ने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने यह बात अपने सरकारी आवास ओकओवर पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बीते मंगलवार को मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक में लिया गया। उन्होंने प्रदेश के साधन संपन्न लोगों से स्वेच्छा से विद्युत सबसिडी को छोड़ने की अपील की।
उन्होंने कहा कि इच्छुक विद्युत उपभोक्ता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के ऑनलाइन पोर्टल, 1100 या 1912 नंबर पर फोन करके अपने निकट के विद्युत उपमंडल में जाकर सबसिडी का परित्याग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्युत बोर्ड को प्रति वर्ष 2200 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है। मौजूदा समय में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन पर 70 करोड़ रुपए और पैंशन पर प्रतिमाह 130 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। ऐसे में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए साधन संपन्न लोगों को जनहित में सबसिडी का त्याग करना चाहिए।
मेरे खुद 5 मीटर, हर महीने मिल रही 625 यूनिट नि:शुल्क बिजली
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनके खुद 5 मीटर हैं, जिनके ऊपर 625 यूनिट नि:शुल्क बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि इस नि:शुल्क बिजली का लाभ प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी एवं निजी आवास पर लगे सभी बिजली मीटरों पर मिलने वाली सबसिडी काे छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने इस संबंध में विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता को एक फाॅर्म भरकर सौंपा।
कई लोगों के नाम पर 285 से 100 मीटर लगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति के नाम पर 285 बिजली के मीटर तथा कई विद्युत उपभोक्ताओं के नाम पर 100-100 तथा 15 से 20 मीटर हैं। ऐसे लोगों को हर मीटर पर विद्युत सबसिडी मिलना तर्कसंगत नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क विद्युत सबसिडी छोड़ने से करीब 200 करोड़ रुपए की सालाना आय होने की संभावना है।
आयकरदाताओं की सबसिडी बंद नहीं हुई
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने सभी आयकरदाताओं की सबसिडी बंद नहीं की है। अभी तक इस विषय में सिर्फ चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को स्वेच्छा से अपनी विद्युत सबसिडी छोड़नी चाहिए, ताकि जरूरतमंद लोग इसका लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है, जब साधन संपन्न और समृद्धशाली लोग समाज के लिए अपना योगदान दें।
हिमाचल के लोग अमीर पर सरकार गरीब
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के लोग अमीर हैं, लेकिन सरकार गरीब है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनहित में लिए गए फैसलों के आधार पर प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने का प्रयास किया है तथा प्रदेश से इन्वैस्टमैंट को ड्रेन होने से रोका है। उन्होंने कहा कि अधिक समय तक प्रदेश को कर्ज लेकर नहीं चलाया जा सकता। पिछले 2 वर्ष में सरकार ने जो 28 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया है, उसमें से 18 हजार करोड़ ब्याज अदायगी व मूलधन वापस करने तथा शेष राशि विकास कार्यों पर खर्च की है।