Weather Alerts: भारी बारिश का रैड अलर्ट, 6 जिलों में रहेगा बाढ़ का अलर्ट, जनजीवन अस्त-व्यस्त
punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 10:38 PM (IST)

शिमला (संतोष): रविवार को रैड अलर्ट के बीच में हुई बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है। शनिवार मध्यरात्रि करीब 1.10 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश की झड़ी रविवार को भी जारी रही। सड़कों पर भूस्खलन, पेड़ों के गिरने और नदी-नालों के उफान पर आने से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसे देखते हुए मंत्री जगत सिंह नेगी ने सोमवार को राज्य सचिवालय में अधिकारियों की बैठक भी तलब की है। मौसम विभाग की मानें तो सोमवार को 6 जिलों किन्नौर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला व सिरमौर में बाढ़ का यैलो अलर्ट जारी किया है, जबकि ऊना, बिलासपुर, शिमला, कुल्लू, हमीरपुर में भारी वर्षा का यैलो अलर्ट, जबकि कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, मंडी जिले में भारी वर्षा होने का रैड अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि राज्य में 3 जुलाई तक यैलो अलर्ट रहेगा।
चक्की मोड़ पर फिर टूटी एन.एच. 5 की रफ्तार
जिला के परवाणू थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चंडीगड़-शिमला नैशनल हाईवे-5 पर स्थित चक्की मोड़ के पास रविवार को भारी भूस्खलन हुआ। इससे चंडीगढ़-शिमला मार्ग करीब डेढ़ घंटे तक पूरी तरह बंद रहा। बारिश के चलते पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से सड़क बाधित हो गई थी। उधर, कालका-शिमला हैरिटेज रेलवे ट्रैक पर सोलन में पेड़ और पत्थर गिरने से रेल सेवा प्रभावित हुई है। ट्रैक से मलबा हटाने का कार्य जारी रहा। उधर, राजधानी शिमला और उसके आसपास के इलाकों में भी भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई।
मंडी में सबसे ज्यादा बारिश, ब्यास नदी के लिए अलर्ट
प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में 135 मिलीमीटर दर्ज की गई। सोलन के कसौली में 125, काहू में 119, सिरमौर के पांवटा साहिब में 116, सुंदरनगर में 96, शिमला में 91, कुफरी में 89 और बिलासपुर में 86 मि.मी. बारिश हुई है। मंडी जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि पंडोह डैम के गेट आज खोले जा सकते हैं, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की अपील की है।
9 दिनों में 39 लोगों की हुई मौत
20 जून को हिमाचल पहुंचे मानसून सीजन के बीच में मात्र 9 दिनों में राज्यभर में वर्षा जनित घटनाओं में 39 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 81 से अधिक लोग घायल हुए हैं, वहीं 4 लोग अब भी लापता हैं। भारी तबाही के चलते राज्य में सरकारी व निजी संपत्ति का 75 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार 20 जून से 29 जून के बीच हुई घटनाओं में 19 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है। इसके अतिरिक्त फ्लैश फ्लड में 7, पानी के तेज बहाव में बहने से 6, पहाड़ी से फिसलकर गिरने से 3, बिजली का करंट लगने से 2, सांप के काटने से 1 और अन्य कारणों से 1 व्यक्ति की जान गई है। अकेले कांगड़ा जिले में फ्लैश फ्लड व बहने से 8 लोगों की जान गई है।
इस अवधि में 49 मवेशियों की मौत, 8 मकानों के पूरी तरह ध्वस्त होने और 13 मकानों के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। इसके अलावा 8 दुकानें, 12 पशुशालाएं और एक घराट भी पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। प्राकृतिक आपदा से सरकारी विभागों को भी भारी नुक्सान झेलना पड़ा है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार जल शक्ति विभाग को 38.56 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 34.72 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इन आंकड़ों के अनुसार राज्य को अब तक कुल 75.09 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति क्षति का सामना करना पड़ा है।