राज्यपाल ने कैदियों को दिए मानसिक तनाव से बाहर आने के टिप्स

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 11:28 PM (IST)

शिमला, (जस्टा): राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कंडा जेल में कैदियों को मानसिक तनाव से बाहर आने के टिप्स दिए। कंडा जेल में कारागार एवं सुधार विभाग द्वारा आयोजित मानवाधिकार दिवस की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र तभी प्रभावी रूप से विकसित हो सकता है जब लोगों को उनके अधिकारों और विशेष अधिकारों सहित अपने कत्र्तव्यों और जिम्मेदारियों का ज्ञान हो। उन्होंने कहा कि सत्य, अङ्क्षहसा और प्रेम की राह पर चलने वाले व्यक्ति के अधिकार कोई नहीं छीन सकता। मानवता सर्वोपरि है और सुधार लाकर जीवन में सकारात्मक बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार प्राकृतिक अधिकार हैं, जिन्हें बिना किसी भेदभाव के सभी मनुष्यों को दिया गया है। प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1948 में यूनिवर्सल ह्यूमन राइट्स डैक्लेरेशन को अपनाया था। भारत वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों के संरक्षण के भीतर अपनी प्रतिबद्धता में विशिष्ट रहा है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता हमारी संस्कृति का हिस्सा है और हमने सदैव दूसरों के मानवाधिकारों को सम्मान दिया है।

कंडा जेल में कैदियों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए

राज्यपाल ने कहा कि गरिमा के लिए गरीबी संभवत: सबसे बड़ा तिरस्कार है और एक सही लोकतांत्रिक भारत को आकार देने में एक बड़ी चुनौती भी। महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश कारागार विभाग ने कैदियों के मानवाधिकारों के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। राज्यपाल ने कारागार परिसर में जेल बंदियों द्वारा निर्मित मंदिर में प्रार्थना की। कंडा जेल में कैदियों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। राज्यपाल ने चित्रकला और गायन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले कैदियों को पुरस्कार भी वितरित किए, वहीं कारागार एवं सुधार विभाग के पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सभी कारागारों में मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। उनका कौशल विकास किया जा रहा है, ताकि रिहा होने के बाद वे स्वयं को किसी कार्य से जोड़ सकें।


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Kuldeep

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