शिमला के 40,000 घरों से नहीं उठा कूड़ा, सैहब कर्मचारी हड़ताल पर

punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2017 - 05:03 PM (IST)

शिमला: अपनी मांगों को लेकर सैहब कर्मचारियों की हड़ताल शुरू हो गई है। शुक्रवार को राजधानी शिमला के शहर से करीब 40 हजार घरों से कूड़ा नहीं उठा है। ये कर्मचारी 5 दिन की हड़ताल पर चले गए हैं और इस कारण शुक्रवार से घरों से कूड़ा उठना बंद हो गया है। इससे लोगों को कूड़े को ठिकाने लगाना मुश्किल हो गया है। दरअसल वेतन बढ़ौतरी की अपनी मांग को लेकर कर्मचारी नगर निगम प्रशासन से खफा हो गए हैं। उधर, अब लोग घरों में जमा कूड़े को इधर-उधर फेंकेंगे तो इससे पीएम मोदी की स्वच्छ भारत की मुहिम को तगड़ा झटका लगेगा। शहर में पिछले कई साल से डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन योजना चल रही है और इसके तहत घरों, होटलों और कार्यालयों से सारा कूड़ा एकत्र किया जाता है और इसे एकत्र कर ठोस कूड़ा संयंत्र भेजा जाता है। 


नगर निगम ने वेतन में 10 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया
इस कूड़े से वहां बिजली बनाई जा रही है, लेकिन अब कूड़ा न उठने से एक तो घरों में इसके ढेर लगेंगे और यदि लोग बाहर फेंकेंगे तो खुले में ही फेंका जाएगा, क्योंकि शहर में अधिकतर स्थानों पर डस्टबिन नहीं है। नगर निगम की सैहब सोसायटी के तहत कार्य करने वाले इन कर्मचारियों ने नगर निगम प्रशासन से मांग की है कि उन्हें नगर निगम में शामिल किया जाए और उनका न्यूनतम वेतन 10500 रुपए किया जाए। हालांकि नगर निगम ने वेतन में 10 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया है, लेकिन उस पर कंडीशन लगाई है। इस पर सैहब कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें इस प्रकार की 10 फीसदी की बढ़ोतरी नहीं चाहिए। इसके अलावा उनके ईपीएफ और अन्य मुद्दे भी हैं और उन पर नगर निगम कोई ध्यान नहीं दे रहा।


हड़ताल पर नहीं जाएगी मेयर कुसुम सदरेट  
नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट ने सैहब कर्मचारियों से हड़ताल पर न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सैहब कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा को सैहब सोसायटी की बैठक बुलाई गई है और यह बैठक 11 सितंबर को होनी है। उन्होंने कहा कि निगम कर्मचारियों की मांगों के प्रति संवेदनशील है, लेकिन सैहब कर्मचारी नगर निगम के आश्वासन पर भरोसा नहीं कर रहा। सैहब सोसायटी के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने कहा कि पिछले 3 साल से वह सैहब सोसायटी के तहत काम कर रहे हैं, लेकिन आज तक उन्हें नगर निगम में मर्ज करने को लेकर कुछ नहीं किया गया। इसके अलावा उनकी सैलरी भी 3 साल में नहीं बढ़ाई है। 


डी.सी. ऑफिस के बाहर किया धरना-प्रदर्शन
उधर, निगम के सैहब सोसायटी कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने के विरोध में वीरवार को डी.सी. ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी व धरना-प्रदर्शन किया। सफाई कर्मचारियों ने प्रशासन पर शोषण का आरोप लगाते हुए कहा है कि नगर निगम प्रशासन कर्मचारियों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं है, ऐसे में उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। प्रशासन ने सितम्बर से वेतन बढ़ौतरी की बात कही थी लेकिन 10 प्रतिशत वेतन बढ़ौतरी से कर्मचारियों की रोजी-रोटी का मसला हल नहीं होता है। 


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