Shimla: आईजीएमसी में दो माह में स्थापित होगी पैट स्कैन मशीन, सरकार ने मंजूर किए 20 करोड़ : सुक्खू
punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 11:26 PM (IST)
शिमला (संतोष): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आईजीएमसी शिमला में दो माह के भीतर पैट स्कैन मशीन स्थापित कर दी जाएगी, जिसके लिए सरकार ने 20 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। यह बात उन्होंने 14 करोड़ रुपए की लागत से बने तृतीयक कैंसर केयर सैंटर के भवन के उद्घाटन अवसर पर मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कही। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में बनी नई बिल्डिंग में कैंसर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। इस भवन के निर्मित होने से अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए बिस्तरों की क्षमता 20 से बढ़ाकर 65 की गई है, जिससे कैंसर रोगियों को बेहतर चिकित्सा देखभाल मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल जल्द ही इंटैंसिटी मॉड्यूलेटिड रेडिएशन थैरेपी (आईएमआरटी), इमेज गाइडिड रेडिएशन थैरेपी (आईजीआरटी) और वॉल्युमैट्रिक मॉड्यूलेटिड आर्क थैरेपी (वी.मैट) सहित उन्नत विकरण चिकित्सा उपकरणों से लैस होगा।
7.77 करोड़ की लागत की एक सीटी सिम्युलेटर मशीन पहले ही स्थापित की जा चुकी है, जिसको क्रियाशील बनाने का कार्य प्रगति पर है। 24 करोड़ की लागत की एक लीनियर एक्सलरेटर (एलआईएनएसी) मशीन स्थापित की जा रही है, जिसके पार्ट्स आ रहे हैं, जिसे एसैंबल किया जा रहा है, जिसे 25 जनवरी, 2025 तक क्रियाशील कर दिया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डा. धनीराम शांडिल, सीपीएस संजय अवस्थी, विधायक हरीश, मेयर सुरेंद्र चौहान, डिप्टी मेयर उमा कौशल, पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, स्वास्थ्य सचिव एम.सुधा देवी सहित आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन के अधिकारी, विभिन्न विभागों के एचओडी व डाक्टर उपस्थित रहे।
पूर्व भाजपा सरकार में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई अनदेखी
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कैंसर के मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के बाद हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक कैंसर के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हैल्थ सैक्टर में काफी गिरावट आई है। प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य अधोसंरचना की अनदेखी की।
नए भवन में मिलेंगी ये सुविधाएं
एक ही छत तले ओपीडी से लेकर वार्ड और टैस्ट आदि की सुविधा मुहैया होगी। पांच मंजिला यह भवन 2430 स्क्वेयर मीटर में बना हुआ है जिसके टॉप फ्लोर पर 5 ओपीडी चलेगी, जिनमें रोजाना अस्पताल आने वाले मरीजों को देखा जाएगा। मरीजों के लिए सड़क के साथ वाले फ्लोर पर भी ओपीडी की सुविधा रहेगी। नई बिल्डिंग में पुरुषों और महिलाओं के लिए 20 बिस्तरों वाला वार्ड भी बनकर तैयार है। 10 बिस्तर पुरुषों और 10 महिलाओं के लिए रखे गए हैं। मौजूदा समय में जहां ओपीडी चल रही है, वहां जगह की कमी होने से मरीजों को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ती है। मरीजों के साथ साथ उनके तीमारदारों के लिए भी बैठने की उचित व्यवस्था तक नहीं थी लेकिन अब नए भवन में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
मार्निंग वॉक करते हुए सीधे आईजीएमस पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री सोमवार सुबह करीब 7 बजे मार्निंग वॉक करते-करते सीधे ही आईजीएमसी शिमला पहुंच गए, जहां उन्होंने ट्रामा सैंटर सहित डिपार्टमैंट ऑफ एमरजैंसी मैडीसिन का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने वार्ड में जाकर मरीजों से बात की और उनका कुशलक्षेम पूछा तथा मरीजों को आईजीएमसी में मिल रही सुविधाओं के बारे में फीडबैक भी लिया।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब शिमला में ही मिलेगा ट्रामा सैंटर का लाभ
हाईकोर्ट ने भी ट्रामा सैंटर के जल्द शुरू न होने को लेकर कड़ा संज्ञान लिया और स्वास्थ्य विभाग को फटकार लगाते हुए इसे दो माह के भीतर शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अब आईजीएमसी में ही ट्रामा सैंटर की सुविधा मुहैया होने वाली है। इसमें मेजर व माइनर ओटी चलेगी। ऑक्सीजन कंट्रोल यूनिट, एमरजैंसी केयर यूनिट, वैंटीलेटर, ब्लड बैंक, सीटी स्कैन, एमआरआई, डिजिटल एक्स-रे, कॉलर डॉप्लर, माइक्रोबायोलॉजी लैब सहित सभी एमरजैंसी सुविधाएं मौजूद रहेगी।