2016 के बाद सेवानिवृत हुए 2500 एच.आर.टी.सी. पैंशनर्ज नई पैंशन से महरूम

punjabkesari.in Monday, Nov 28, 2022 - 06:02 PM (IST)

शिमला (राजेश): एच.आर.टी.सी. में सालों नौकरी कर सेवानिवृत हुए कर्मचारियों की समस्याओं का हल नहीं हो पा रहा है। एच.आर.टी.सी. से वर्ष 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए करीब 2500 पैंशनरों को नए वेतनमान के तहत बढ़ी हुई पैंशन नहीं मिली है। सैंकड़ों पैंशनर्ज पिछले 4 महीनों से बढ़ी हुई पैंशन का इंतजार कर रहा है। लेकिन निगम प्रबंधन पैंशनरों को बढ़ी हुई पैंशन नहीं दे रहा है। जिससे पैंशनरों में निगम प्रबंधन के खिलाफ भारी रोष पनप रहा है। 2016 के बाद सेवानिवृत हुए पैंशनरों का कहना है कि सरकार ने नए वेतनमान तो जारी कर दिए हैं। वहीं कर्मचारियों को उसका लाभ मिल गया है। लेकिन सालों निगम में सेवाएं देने वाले पैंशनर अभी लाभों से वंंचित हैं और बढ़ी हुई पैंशन पैंशनरों को नहीं मिली है। पैंशनरों को बढ़ी हुई पैंशन न मिलने को लेकर हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष बलराम पुरी ने कहा कि निगम प्रबंधन पैंशनरों को बढ़ी हुई पैंशन देने में नाकाम साबित रहा है। जीवन के अंतिम पड़ाव में जब वरिष्ठ नागरिकों को पैसों की जरूरत है तो निगम उसे पैंशनरों को उपलब्ध करवाने में गंभीरता नहीं दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि पैंशनर अपना हक निगम से मांग रहे हैं और इस हक को लेकर पैंशनरों ने जब धरना प्रदर्शन किया इसके बाद डिपुओं से यह पैंशनरों के केस मुख्यालय पहुंचे। लेकिन अब केस मुख्यालय में लटके हुए हैं और नई पैंशन को देने में देरी की जा रही है।

मुख्यालय में पूछा तो स्टाफ की कमी का बनाया जा रहा बहाना
पैंशनरों का कहना है कि जब पैंशन को लेकर मुख्यालय में बात की जाती है और पूछा जाता है कि उनकी बढ़ी हुई पैंशन क्यों जारी नहीं की जा रही है तो जवाब आता है कि स्टाफ की कमी से मामले अटके हुए हैं। पैंशनरों का कहना है कि 12 नवम्बर को चुनावों के वोट डाले जाने थे उस दिन तक भी पैंशनरों को पैंशन नहीं मिली थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों व उनके परिवार सदस्यों की चुनावों में क्या भूमिका रही होगी।

दिसम्बर में नहीं आई बढ़ी हुई पैंशन तो अलग तरीके से होगा नई सरकार का स्वागत
नए वेतनमान के तहत बढ़ी हुई पैंशन न मिलने से परेशान पैंशनरों ने निगम प्रबंधन को चेताया है कि यदि दिसम्बर माह में निगम के 2500 पैंशनरों को बढ़ी हुई पैंशन खातों में नहीं आती है तो प्रदेश में आने वाली नई सरकार का स्वागत पैंशनर किसी नए ढंग से करने के  लिए बाध्य हो जाएंगे। जिसकी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी। वहीं इसका परिणाम भी निगम प्रबंधन को ही भुगतना पड़ेगा।


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Content Writer

Kuldeep

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