एच.आर.टी.सी. के 9 हजार ड्राइवर-कंडक्टरों को नहीं मिला 36 महीने का नाइट ओवरटाइम

punjabkesari.in Monday, Dec 19, 2022 - 10:03 PM (IST)

शिमला (राजेश): एच.आर.टी.सी. के 9 हजार ड्राइवर व कंडक्टरों का 36 महीने का नाइट ओवरटाइम नहीं मिला है। ड्राइवर व कंडक्टरों के अनुसार वर्ष 2018 से 21 तक का नाइट ओवरटाइम प्रबंधन ने अभी तक जारी नहीं किया है। जबकि एच.आर.टी.सी. ड्राइवर-कंडक्टर लगातार 36 महीनों के नाइट ओवरटाइम को जारी करने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन एच.आर.टी.सी. प्रबंधन की ओर से घाटे की बात की जाती है। ऐसे में एच.आर.टी.सी. में तैनात करीब 9 हजार ड्राइवर व कंडक्टरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

एच.आर.टी.सी. जे.सी.सी. के महासचिव खेमेंद्र गुप्ता का कहना है कि हर ड्राइवर-कंडक्टर का करीब 2 लाख रुपए से ज्यादा का नाइट ओवर टाइम बनता है। यह नाइट ओवर टाइम कर्मचारियों को जल्द रिलीज किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बनी कांग्रेस पार्टी की नई सरकार उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए कदम जरूर उठाए, ताकि एच.आर.टी.सी. में तैनात कर्मचारियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।

आपातकालीन स्थिति में एच.आर.टी.सी. के ड्राइवर-कंडक्टर ही सरकारों को याद आते रहे हैं लेकिन जब वित्तीय लाभ देने की बारी आती है तो सबसे ज्यादा एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों की अनदेखी की जाती है। उन्होंने प्रदेश में बनी नई सरकार से मांग उठाई है कि वह चालकों-परिचालकों की समस्याओं को प्रमुखता से सुलझाए। उन्होंने कहा है कि अन्य विभागों में नए वेतन आयोग के एरियर का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को रिलीज कर दिया गया है, जबकि एच.आर.टी.सी. में कर्मचारियों को अभी तक यह एरियर भी नहीं मिला है। उन्होंने मांग उठाई है कि जल्द एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों को नए पे स्केल का एरियर भी जारी किया जाए।

वेतन विसंगतियों से जूझ रहा परिचालक वर्ग
एच.आर.टी.सी. जे.सी.सी. पदाधिकारियों का कहना है कि एच.आर.टी.सी. परिचालकों की वेतन विसंगतियों को भी दूर किया जाए। वेतन विसंगति के कारण एच.आर.टी.सी. कंडक्टरों को काफी ज्यादा नुक्सान उठाना पड़ रहा है। सरकार और प्रबंधन की ओर से छठे वेतन आयोग में क्लास थ्री के बराबर वेतनमान नहीं दिया जा रहा है। वर्ष 2012 में परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा क्लास थ्री के कर्मचारियों का वेतन 5910+2400 मनमाने तरीके से फिक्स कर दिया था। अब फिर इसे घटाकर 5910+1900 कर दिया है।


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Content Writer

Kuldeep

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