Shimla: एचआरटीसी इस वर्ष बदलेगा 1 हजार पुरानी बसें, 600 नई बसों के खरीद के दिए ऑर्डर
punjabkesari.in Wednesday, Mar 12, 2025 - 05:27 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): एचआरटीसी इस वर्ष 1 हजार पुरानी बसेें बदलेगा। 600 नई बसों के खरीद के ऑर्डर दे दिए गए हैं। यह बात उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक रणधीर शर्मा के सवाल के जवाब में कही। इस दौरान विधायक बिक्रम ठाकुर व हंसराज ने भी अनुपूरक सवाल किए। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में शुरूआत में 1500 बसों को इलैक्ट्रिक बसों में बदलने की बात हुई थी। राज्य में चरणबद्ध तरीके से इन्हें बदलने का काम किया जा रहा है। केंद्र का कहना है कि पूरे देश में एक लाख बसें इलैक्ट्रिक बसों में बदली जा रही हैं, ऐसे में कंपनी के पास समय नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इलैक्ट्रिक बसों के लिए टैंडर लगाए गए थे। टैंडर में बस खरीद व 10 वर्ष तक रखरखाव का भी प्रावधान किया गया है। यह बस सवा करोड़ में पड़ेगी तथा रखरखाव पर 40 से 45 करोड़ रुपए की लागत आएगी। वर्तमान में नाबार्ड के माध्यम से 327 इलैक्ट्रिक बसें खरीदी जा रही हैं, जिसके लिए बोलीदाता कंपनी को आपूर्ति आदेश जारी किए जा रहे हैं।
कंपनी ने इन बसों की डिलीवरी के लिए 11 माह का समय मांगा है। इसके अलावा एचआरटीसी स्वयं से 250 डीजल बसों को खरीद रही है। इसके अलावा 100 टैम्पो ट्रैवलर खरीदने के ऑर्डर भी दे दिए गए हैं। इसके अलावा 100 और टैम्पो ट्रैवलर खरीदे जा रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी टाइप-टू इलैक्ट्रिक बसों की खरीद भी कर रही है और राज्य की भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर एचआरटीसी इसमें कुछ बदलाव करना चाह रही थी, लेकिन केंद्र ने इसके लिए इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में केंद्रीय मंत्री से भी मिले थे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अधिकार राज्य सरकारों के पास नहीं है। मुकेश ने कहा कि जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों में टैम्पो ट्रैवलर भेजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जहां पर इलैक्ट्रिक बसें चल सकेंगी, वहां पर इन्हें तथा जहां पर डीजल बसें चल सकेंगी, वहां पर डीजल बसों को भेजा जाएगा। इस दौरान रणधीर शर्मा ने अनुपूरक सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने विधायकों से इलैक्ट्रिक बसों के लिए 5-5 रूट मांगे थे।
विभिन्न विभागों, निगमों व बोर्डो में नियुक्ति किए 2561 मल्टीपर्पज वर्कर्ज
विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री द्वारा अधिकृत उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि गत 3 वर्षों में विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों में 2561 मल्टीपर्पज वर्कर्ज नियुक्त किए हैं। इनकी नियुक्ति सरकार की विभागीय नीतियों के तहत की गई है।
पंचायतों में कूड़ा-कचरा संयंत्र लगाने का लोग करते हैं विरोध : अनिरुद्ध
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पंचायतों में कूड़ा-कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने में सबसे बड़ी समस्या लोगों द्वारा इसका विरोध करना है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के पास पैसे हैं, लेकिन जब वे संयंत्र लगाने जाते हैं तो लोग इसका विरोध करते हैं। उन्होंने विधायकों से कहा कि यदि कहीं पंचायत में बड़ा प्लांट लगाना हो तो बताएं, विभाग उसे वहां पर लगाएगा। इसके अलावा धर्मशाला में एनजीओ के सहयोग से प्लास्टिक को एकत्र करने का काम किया जा रहा है। यह काम एनजीओ के सहयोग से शिमला में भी शुरू किया जाएगा। यह बात उन्होंने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक विनोद सुल्तानपुरी के मूल तथा केवल सिंह पठानिया के अनुपूरक सवाल के जवाब में कही। मूल सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि राज्य के पेरी-अर्बन क्षेत्रों में पंचायतें अपशिष्ट निपटान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों के साथ समन्वय में काम कर रही हैं।
अगले वित्त वर्ष में खरीदे जाएंगे 800 ई-व्हीकल
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट से निपटने के लिए विभाग ने कुछ मशीनें खरीदी हैं। इसके तहत पिछले वर्ष 193 ई-व्हीकल खरीदने के लिए टैंडर लगाए गए हैं। अगले वित्त वर्ष में 800 ई-व्हीकल कूड़ा उठाने के लिए खरीदे जाएंगे। उन्होंने बताया कि सोलिड वेस्ट को जलाने के लिए सीमैंट कंपनियों से एमओयू भी किया गया है।
पर्यटन स्थलों पर अधिक समस्या
अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि जहां पर सैलानी अधिक आते हैं जैसे कुफरी, कसौली, मनाली आदि स्थानों पर कूड़े की अधिक समस्या है। उन्होंने कहा कि सोलिड वेस्ट को अलग-अलग करने की सबसे बड़ी समस्या है। यदि कोई ऐसी मशीन आती है तो उसकी जानकारी विभाग को दें, उसे खरीदा जाएगा। इसके अलावा सफाई को प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ पंचायतों को पुरस्कार देने पर विचार किया जाएगा।