हिमाचल में 100 करोड़ का माइनिंग घोटाला, पूर्व सरकार ने आंखें मूंदे रखीं : सुक्खू
punjabkesari.in Monday, Nov 20, 2023 - 10:34 PM (IST)
शिमला (राक्टा): हिमाचल में एक बड़े माइनिंग घोटाले का खुलासा हुआ है। आपदा के दौरान स्टोन क्रशर को लेकर गठित की गई हाई पावर कमेटी की जांच में इसकी परतें खुली हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार को शिमला में एक कार्यक्रम के उपरांत मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश में हुए माइङ्क्षनग घोटाले से राजस्व को करीब 50 से 100 करोड़ का नुक्सान हुआ। उन्होंने कहा कि जांच के तहत हाई पावर कमेटी ने ब्यास बेसिन के तहत कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में करीब 131 स्टोन क्रशर पाए। हैरानी की बात है कि इनमें से करीब 63 स्टोन क्रशर बिना वैलिड लीज के चल रहे थे जबकि पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल तक आंखें मूंदे रखीं।
उन्होंने कहा कि यह माइनिंग घोटाला बहुत बड़ा है। सी.एम. सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार को सत्ता में आए 11 माह का समय ही हुआ है और व्यवस्था परिर्वतन की दिशा में लगातार बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी जांच होगी कि 63 स्टोन क्रशर बिना लीज के कैसे चल रहे थे। इसके पीछे किस-किस की मिलीभगत रही है और कितने वर्ष से ये बिना लीज के चल रहे थे।
रॉयल्टी जमा करवाएं, अन्य जिलों में होगी जांच
सी.एम. ने सख्त लहजे में कहा कि जिन्होंने माइनिंग की है, वे सरकार के खजाने में रॉयल्टी जमा करवाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 4 जिलों में सामने आए माइनिंग घोटाले को देखते हुए अब अन्य जिलों में स्थापित स्टोन क्रशरों की भी पड़ताल की जाएगी। इस संदर्भ में दिशा-निर्देश दे दिए हैं। क्रशर चलाने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जाना चाहिए।
जैनरेटर से क्रशर चलाया तो लगेगी हैवी पैनल्टी
सी.एम. सुक्खू ने स्पष्ट किया कि जैनरेटर के माध्यम से स्टोन क्रशर चलाने वालों को भारी पैनल्टी लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जैनरेटर के माध्यम से स्टोन क्रशर चलने पर सरकार को रॉयल्टी नहीं मिलती है। ऐसे में इस दिशा में भी विभाग को उचित निर्देश दिए गए हैं।