Shimla: हिमाचल में ई-कचरा निपटान के लिए नए नियम लागू
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 06:18 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में बढ़ते ई-कचरे और इसके निपटान से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इसके तहत सभी से अधिकृत संग्रह व पुनर्चक्रण केंद्रों पर ही ई-कचरे को सौंपने को कहा गया है। साथ ही सरकार ने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों और आयोगों द्वारा उत्पन्न ई-कचरे का निपटान ‘ई-कचरा (प्रबन्धन) नियम-2016’ के नियम-9 के अनुसार करने को कहा है। नए नियम के तहत ई-कचरे को केवल अधिकृत संग्रह केन्द्रों, निर्माताओं के डीलरों, विघटनकर्त्ताओं, पुनर्चक्रणकर्त्ताओं या निर्माताओं द्वारा नामित टेक-बैक सेवा प्रदाताओं के माध्यम से अधिकृत विघटनकर्त्ताओं या पुनर्चक्रणकर्त्ताओं तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया है।
अब केवल हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकृत अधिकृत ई-कचरा संग्रह केन्द्र, निर्माताओं के डीलर, विघटनकर्त्ता या पुनर्चक्रणकर्त्ता ई-कचरे की नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र होंगे। हिमाचल प्रदेश में ई-कचरा निपटान प्रथाएं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित ‘ई-कचरा (प्रबन्धन) नियम-2016’ के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं थी, जिस कारण प्रदेश में इन नए नियमों को लागू किया गया है। ई-कचरे में मोबाई, लैपटॉप, बैटरी, चार्जर आदि शामिल हैं।
उचित प्रबंधन के अभाव में पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचाता है ई-कचरा : डीसी राणा
पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक डीसी राणा ने कहा कि ई-कचरे में विषाक्त घटक होते हैं, जो उचित प्रबन्धन के अभाव में पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचा सकते हैं। इन जोखिमों को कम करने के लिए ई-कचरे का निपटान जिम्मेदारी से करना तथा दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया गया है कि वे ई-कचरे को खुले स्थानों या सामान्य कचरे के साथ न फैंके तथा ई-कचरे को अधिकृत पुनर्चक्रण केन्द्रों को ही सौंपा जाए।