Himachal: पहले चरण में विकसित होंगे इन क्षेत्रों में 9 हैलीपोर्ट, 2 की प्रक्रिया आरंभ
punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2024 - 08:41 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिला मुख्यालयों के साथ-साथ जनजातीय क्षेत्रों में 16 नए हैलीपोर्ट विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले चरण में 9 हैलीपोर्ट जसकोट (हमीरपुर), रक्कड़ और पालमपुर (कांगडा), सुल्तानपुर (चंबा), आलू ग्राऊंड मनाली (कुल्लू), शारबो (किन्नौर) जिरपा, सिस्सू और रंगरिक (लाहौल-स्पीति) में विकसित किए जाएंगे जबकि अन्य 7 हैलीपोर्ट को दूसरे चरण में विकसित किया जाएगा। विधायक सुधीर शर्मा द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह जानकारी सदन में दी। इसमें कहा गया है कि पहले चरण के प्रस्तावित 9 हैलीपोर्ट की व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। रक्कड़ और पालमपुर हैलीपोर्ट की टैंडर प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है। हालांकि किसी भी हैलीपोर्ट का निमार्ण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त वर्तमान सरकार जिला शिमला के चुंजर (खड़ापत्थर) एवं जिला ऊना के पलकवाह (हरोली) में हैलीपैड बनाने जा रही है, जिसका निमार्ण कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
डेढ़ वर्ष में दर्ज हुए रेप के 498 केस
प्रदेश में बीते डेढ़ वर्ष में 30 अप्रैल 2024 तक हत्या के 138, बलात्कार के 498, चोरी के 1643, डकैती के 4 तथा झगड़ों के 511 केस दर्ज किए गए हैं। विधायक दीप राज द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने यह लिखित जानकारी सदन में दी।
वाटर सैस से कोई राजस्व प्राप्त नहीं हुआ
प्रदेश सरकार को अभी तक हिमाचल प्रदेश वाटर सैस ऑन हाइड्रो पावर जैनरेशन एक्ट, 2023 के अंतर्गत लगाए गए वाटर सैस से कोई राजस्व प्राप्त नहीं हुआ है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक त्रिलोक जम्वाल द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी सदन में दी। इसमें कहा गया है कि एनएचपीसी, एनटीपीसी, एसजेपीएनएल, बीबीएमबी. सहित 30 विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के प्रबंधकों द्वारा जल उपकर अधिनियम के विरुद्ध हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें राज्य सरकार ने उचित ढंग से अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा है लेेकिन प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय द्वारा उक्त अधिनियम को गैर-कानूनी घोषित कर दिया।
ऐसे में प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है तथा मामला विचाराधीन है। सर्वोच्च न्यायालय में अपने आदेश द्वारा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्णय को स्टे किया है। मामले के विचाराधीन होने के कारण अभी तक प्रदेश सरकार को वाटर सैस से कोई राजस्व प्राप्त नहीं हुआ है। यद्यपि 15 जनवरी 2024 तक आयोग द्वारा जल उपकर के रूप में एकत्रित की गई 34,75,48,906 रुपए राशि है, जोकि वर्तमान में जल आयोग के पास है।