Shimla: पिता की आंखें दान कर भाई-बहन ने निभाया अपना फर्ज
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 10:18 PM (IST)
शिमला (राजेश): पिता की इच्छा का मान रखते हुए शिमला के संजौली निवासी भाई-बहन ने अपने मृत पिता राकेश आहूजा 69 वर्षीय के नेत्र दान किए। राकेश आहूजा लंबे समय से हृदय रोग से ग्रसित थे। इसी के चलते 3 नवम्बर के दिन उन्हें अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में दाखिल किया गया। बीमारी गंभीर होने के कारण 6 नवम्बर के दिन उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके पुत्र राघव आहूजा ने बताया कि उनके पिता ने नेत्रदान करने का संकल्प पहले से ले रखा था। नेत्रदान के बारे में पहले से जानकारी होने के कारण माता रितिका आहूजा ने नेत्रदान करने के लिए हामी भरी। वहीं कनाडा से आई बेटी रोहिणी ने कहा कि हमें खुशी है कि पिता के जाने के बाद उनकी आंखें किसी के जीवन को रोशन करेंगी। उन्होंने बताया कि उनके सारे परिवार ने पहले से ही नेत्रदान का संकल्प लिया है।
क्या कहते हैं नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष
नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. रामलाल शर्मा ने बताया कि नेत्रदान होने के बाद मृतक के दोनों नेत्र जरूरतमंदों को ट्रांसप्लांट हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रदान तभी संभव हो पाता है जब मृतक का परिवार नेत्रदान करने के लिए आगे आए। नेत्रदान सर्वश्रेष्ठ दान तो है ही, साथ ही यह मानवता के हित में उठाया गया महान कदम है। नेत्रदान मरने के बाद भी जिन्दा रहने का अनमोल वरदान है।