झुग्गी-झोंपड़ी वालों को मालिकाना हक मामले पर कांग्रेस का वाकआऊट

punjabkesari.in Monday, Mar 14, 2022 - 10:43 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में झुग्गी-झोंपड़ी वालों को उनकी झुग्गी-झोंपडिय़ों का मालिकाना हक देने से जुड़े हिमाचल प्रदेश स्लमवासी (साम्पत्तिक अधिकार) विधेयक 2022 को जल्दबाजी में लाने और विपक्ष को इस विधेयक पर अपने संशोधन देने के लिए कम समय देने के मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन से देर सायं वाकआऊट किया। यह विधेयक शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सोमवार को सायं 7 बजे के बाद सदन में पेश किया। विधेयक पेश करने का विपक्ष ने पुरजोर विरोध किया और पहले सदन में नारेबाजी की तथा बाद में पूरा विपक्ष सदन से वाकआऊट कर बाहर चला गया। इससे पूर्व इसी मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में काफी देर तक हंगामा किया, जिसके चलते विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की बैठक फिर से शुरू होने पर विपक्ष अपने रुख पर अड़ा रहा और इस विधेयक को पेश करने के तौर-तरीके का विरोध करता रहा। विपक्ष की ओर से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मामला उठाया और कई विधायकों ने इस पर एतराज जताया कि आज इस विधेयक को शाम के समय पेश करने का क्या मतलब है। विधायकों को इसे पढऩे के लिए समय नहीं मिल पाएगा और वह अपने संशोधन नहीं दे सकेंगे। सुक्खू ने कहा कि बिल को रखने का समय और तरीका होता है। उन्होंने कहा कि 24 घंटे पहले ये बिल आने चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि किसी कर्मचारी ने गलती से यह बिल विधायकों को दे दिया है जोकि नहीं दिया जाना चाहिए। यह गलती हुई है, लिहाजा इसे विपक्ष मुद्दा न बनाए।

11 बजे तक अपने सुझाव दें विधायक: हंसराज
विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने भी कहा कि विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों की ओर से मानवीय भूल हुई है। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह 11 बजे तक अपने सुझाव विधायक दे सकते हैं। विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यदि गलती हुई है तो ठीक है, मगर यह कागजात विधानसभा सचवालय ने दिया है। जब यह पेश नहीं किया गया है तो इसे सरकार वापस ले। 

जयराम ने बताई मानवीय त्रुटि
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले पर कहा कि मानवीय त्रुटि हुई है जो किसी से भी हो सकती है। विपक्ष को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। यह विधेयक अभी स्थापित किया जाना है, जिसके बाद उस पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि गलती उसी से होती है जो काम करता है। इसलिए इस मामले को बढ़ाना नहीं चाहिए। बाद में सदन में सरकार की ओर से इस विधेयक को पेश कर दिया गया।


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Content Writer

Kuldeep

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