Shimla: कालेजों में दाखिला लेने से वंचित विद्यार्थियों को प्रवेश लेने के लिए एक और मौका
punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2024 - 09:03 PM (IST)
शिमला (अभिषेक): कालेजों में दाखिला लेने से वंचित विद्यार्थियों को प्रवेश लेने के लिए एक और मौका मिल गया है। सत्र 2024-25 के लिए कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) प्रशासन के पास कालेजों में दाखिले के लिए मौका देने के लिए मांग पहुंच रही थी। इस मामले को लेकर शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हुई कार्यकारी परिषद (ई.सी.) की बैठक में चर्चा हुई और विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए जो विद्यार्थी कालेज में दाखिला लेने में वंचित रह गए हैं, उनको दाखिले के लिए एक मौका और देने का निर्णय लिया। इससे कई विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा ई.सी. ने विश्वविद्यालय में कार्यरत आऊटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च तक जारी रखने का निर्णय लिया।
विश्वविद्यालय की समिति कक्ष में कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान शिक्षकों का करियर एडवांसमैंट स्कीम (सीएएस) के अंतर्गत वर्ष 2010 बैच की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया, जबकि वर्ष 2018 के बैच के शिक्षकों के लिए मामला प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। ईसी ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मैट्रिक्स फॉर्मूला अपनाने का निर्णय लिया। इस फॉर्मूले के जरिए नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को अंक दिए जाएंगे और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। इसके अलावा ईसी ने विश्वविद्यालय में स्थित पुस्तकालय भवन के सामने जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति स्थापित करने का निर्णय भी लिया। ईसी ने मां बाला सुंदरी विधि महाविद्यालय नाहन में विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए रुके हुए परिणामों को घोषित करने का निर्णय लिया। ईसी की बैठक में पैंशन और कॉरपस फंड के सुदृढ़ीकरण के लिए चर्चा की गई। इसके अलावा ईसी ने रिसोर्स मोबिलाइजेशन समिति की उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
शिक्षकों को इन्क्रीमैंट के लिए सरकार की मंजूरी का करना होगा इंतजार
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को इन्क्रीमैंट के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार करना होगा। विश्वविद्यालय की बैठक में इस मसले पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार यह मामला सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजे जाने की बात कही गई। ईसी की बैठक में विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र वर्मा, विधायक हरीश जनार्था, विधायक सुरेश कुमार, सुशील कुमार (सचिव शिक्षा द्वारा मनोनीत), रोहित जम्वाल (वित्त सचिव द्वारा मनोनीत), कुलसचिव डा. वीरेंद्र शर्मा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल (विशेष आमंत्रित), प्रो. देश राज ठाकुर, प्रो. महावीर सिंह, प्रो. मोहन झारटा, प्रो. सतेंद्र प्रताप सिंह (कुलाधिपति द्वारा नामित), राकेश कुमार (प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय बड़सर), डा. विकास व नवनिर्वाचित ईसी सदस्य सुनील दत्त उपस्थित रहे। सुनील दत्त पहली बार ईसी की बैठक में शामिल हुए। बैठक से पूर्व विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने सुनील दत्त को शुभकामनाएं दी।