Himachal: राजधानी के पोश इलाके से 3 छात्रों का अपहरण कानून व्यवस्था पर सवाल : जयराम
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 07:13 PM (IST)

शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था इस तरीके से खराब है कि आए दिन इसकी कोई न कोई नजीर सामने आती है। रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन शहर के बीचोंबीच एक नामी स्कूल से 3 बच्चों का अपहरण हो जाता है और अपहरणकर्त्ता उन्हें शहर के हर प्रमुख चौराहे से होकर लगभग 50 किलोमीटर दूर तक ले जाने में कामयाब होता है। यह राजधानी में कानून व्यवस्था पर बहुत गंभीर सवाल है। शिमला से जारी बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है और अराजक तत्व खुलेआम इसका फायदा उठा रहे हैं। इसके पहले भी पिछले महीने ऊना में हुए जघन्य हत्याकांड में जिस तरीके से इंटरनैशनल माफियाओं की एंट्री और सोशल मीडिया पर खुलेआम धमकी का मामला सामने आया।
उस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था के जर्जर होने और माफियाओं के गैंग के सक्रिय होने की सारी कहानी कह दी, लेकिन प्रदेश की राजधानी में 3 बच्चों के एक साथ हुए अपहरण ने प्रदेश में लोगों की नींद हराम कर दी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि सभी अपहृत छात्र सकुशल बरामद हो गए। फिर भी सवाल वहीं है कि त्यौहार के अवसर पर दिन-दिहाड़े 3-3 छात्रों का अपहरण कैसे हुआ? पुलिस कहां थी? त्यौहारों की वजह से प्रदेश की पुलिस को और भी चौकसी बरतनी चाहिए थी? एक व्यक्ति शहर में हथियार लेकर घूम रहा था और व्यक्ति 3-3 छात्रों को किडनैप करता है और शहर की सभी प्रमुख पुलिस चैक पोस्टों से होकर गुजरता है। लोग डरे हैं कि अपने बच्चों को स्कूल छोड़ते वक्त उनके मन में सैंकड़ों सवाल उठ रहे हैं।
स्कूल जा रहे अभिभावकों की विश्वास बहाली और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई नामी स्कूल हैं और वहां सिर्फ प्रदेश के ही नहीं बल्कि देश भर के प्रतिष्ठित परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में इस तरीके की घटना से पूरे प्रदेश के लोग दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि वाहनों का सघन तलाशी अभियान सिर्फ कागजी कार्रवाई न होकर आपराधिक प्रवेश के लोगों की धरपकड़ और उन्हें काबू करने का अभियान होना चाहिए, साथ ही स्कूली बच्चों को स्कूल प्रशासन और प्रदेश सरकार की तरफ से विशेष अभियान चला कर छात्रों को जागरूक करना चाहिए, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति कभी न हो।