शिमला बस हादसा: चिल्लाते-चिल्लाते गई बच्चियों की जान, चीखों से गूंजा IGMC

punjabkesari.in Tuesday, Jul 02, 2019 - 09:28 AM (IST)

शिमला (जस्टा): बस हादसे की शिकार हुई दो बच्चियों की जान चिल्लाते-चिल्लाते चली गई। जितने में लागों ने बच्चियों को बस से बाहर निकाला उतने में उनकी जान चली गई। हालांकि आई.जी.एम.जी.सी. में पहुंचाते ही चिकित्सक ने भी उन्हें मृत घोषित किया। ऐसा नहीं की बस ओवर लोड़ थी। उसमें सिर्फ 7 बच्चे सहित दो चालक और परिचालक सवार थे, लेकिन जब हादसा हुआ तो एकदम से अफरा तफरी मच गई। 5 बच्चे अभी भी गंभीर रूप आई.जी.एम.सी. में भर्ती है। दर्दनाक बस हादसे में घायल हुए बच्चों को आई.जी.एम.सी. पहुंचाते ही एकदम से चिकित्सकों व अस्पताल में उपचाराधीन मरीजों के बीच अफरा-तफरी मच गई।
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चीखों से गूंजा आपातकालीन वार्ड

हादसे में घायल हुए मरीजों व उनके परिजनों की चीखों से आई.जी.एम.सी. का आपातकालीन वार्ड गूंज उठा। माहौल कुछ इस तरह का हो गया कि जैसे ही घायल बच्चे दर्द के चलते चिल्लाए तो एकदम से उनके साथ आए परिजनों ने भी चिल्लाना शुरू कर दिया। आई.जी.एम.सी. में हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन जाग गया था, लेकिन जैसे ही मरीजों को आई.जी.एम.सी. में पहुंचाया तो पुलिस की टीमें एकदम से मौके पर पहुंच गर्ईं और मुखयमंत्री और शिक्षा मंत्री के आने से पहले ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए।
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डी.डी.यू. में नहीं मिला उपचार

डी.डी.यू. अस्पताल में जब बच्चे को ले गए तो वहां पर आपातकालीन वार्ड में उपचार नहीं मिल पाया। कर्मचारी नेता सुनीता ने बताया कि पुष्पेंद्र की बेटी जो बस हादसे में घायल हुई है, उसे जब डी.डी.यू. ले जाया गया तो उसे डाक्टर ने कोई उपचार नहीं दिया। जब इस संबंधी डॉक्टर से बात की गई तो एक महिला डॉक्टर कहासुनी करने लग गई। सुनीता का कहना है कि डी.डी.यू. में उपचार न मिलने से बच्चे को आई.जी.एम.सी. ले जाना पड़ा।
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