सिरमौर: मौत के साए में जी रहा 11 लोगों का परिवार
punjabkesari.in Monday, Jul 01, 2024 - 01:24 PM (IST)
शिलाई (रवि तौमर): दूरदराज शिलाई क्षेत्र में एक गरीब परिवार मौत के साए में जीने को मजबूर है। परिवार के 11 सदस्य पूरी तरह से जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं। स्लेट के पत्थर की छत की लकड़ियां पूरी तरह से सड़ चुकी हैं और टेढ़ीमेढ़ी दीवारें कभी भी गिर सकती है। ऐसे में परिवार को बरसात के मौसम में घर गिरने और हादसा होने का डर सता रहा है। दूसरी तरफ गरीब दलित के घर की फाइल ससरकारी दफ्तर में धूल फांक रही हैं। बुजुर्ग दलित दयाराम का कहना है कि उखड़ा हुआ फर्श, गिरती टूटती दीवारें और छत से झांकता सूरज यह किसी खंडहर की नहीं बल्कि गरीब के आशियाने की तस्वीरें हैं। जर्जर हालत में पहुंच चुके इस मकान के भीतर 11 जिंदगियां डर के साए में जीने को मजबूर हैं। खंडहर नुमा यह मकान सिरमौर जिले की कोटा पाब पंचायत के दलित दयाराम का है। गरीब दलित दयाराम के परिवार की विडंबना यह है कि सरकारी योजना से मकान की फाइल दफ्तर में धूल फांक रही है। जबकि मकान के हालात इतने खराब हैं कि अब उसकी रिपेयरिंग भी नहीं हो सकती है, पत्थर की दीवारें टूट गई हैं और मकान की लकड़ियां सड़ चुकी हैं। छत पर एक तिरपाल डालकर काम चलाया जा रहा है। हालांकि पंचायत में ऐसे व्यक्तियों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने का प्रावधान है, मगर पंचायत में भी इस गरीब परिवार की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
दयाराम के बेटा-बहु का कहना है कि दयाराम का मकान सरकारी योजनाओं के प्रति अधिकारियों और कर्मचारियों की संवेदनहीनता का जीवन उदाहरण है। 11 सदस्यों का यह परिवार गिरते टूटे जर्जर मकान में रहने को मजबूर है। कब हादसा हो जाए, कोई नहीं जानता। बरसात के मौसम में डर सतना लाजमी है। परिवार की महिला का कहना है कि बरसात होती है तो वह बच्चों को लेकर मकान से बाहर आ जाते हैं। मकान टूटकर कब हादसा हो जाए, यही डर सताता रहता है।
खंड विकास अधिकारी अजय सूद का कहना है कि दयाराम के परिवार के इन हालात के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी मानते हैं कि मकान की दशा बेहद खराब है। मीडिया ने सवाल उठाए तो मकान की फाइल खोजी गई। फाइल से पता चला कि दयाराम सरकारी योजना के लिए पात्र व्यक्ति है मगर, अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही परिवार पर भारी पड़ गई। सवाल उठे तो अधिकारी कहने लगे हैं कि दयाराम के मकान को प्राथमिकता के आधार पर सहायता प्रदान करने का प्रयास किया जाएगा।