नीट के विरोध में चम्बा कालेज में गरजी एस.एफ.आई., किया धरना प्रदर्शन

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 04:10 PM (IST)

चम्बा (नीलम): एस.एफ.आई ने बुधवार को चम्बा कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह धरना प्रदर्शन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आहवान पर नीट के विरोध में किया गया। धरने का संचालन करते हुए परिसर सचिव खेमराज ने कहा कि नीट को आमतौर पर मैडीकल कोर्सों के लिए केवल प्रवेश परीक्षा समझ लेने की गलती कर दी जाती है। यह विश्वविद्यालयों और कक्षाओं की पढ़ाई खत्म करने का एक स्पष्ट रोडमैप है। यह आइसबर्ग (हिमखंड) का शीर्ष भर है। यह नई शिक्षा नीति 2020 के उस एजेंडे की शुरुआत है। जिसके तहत सभी स्न्नातक कोर्सों के लिए एन.टी.ए. द्वारा एक राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश प्रक्रिया स्वयं तय करता है। नीट में संसद में एक कानून के जरिए केंद्र सरकार दाखिले की यह प्रक्रिया तय करती है।

उन्होंने बताया नीट राज्यों से राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा की प्रवेश प्रक्रिया का अधिकार छीन लेती है और सब कुछ बिना संविधान में संशोधन किए हो रहा है। मैडीकल सेवाएं और मैडीकल शिक्षा एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हर राज्य को सर्वव्यापी चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तय करनी होती है और उसी के हिसाब से मैडीकल कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया बनानी होती है। राज्यों का यह अधिकार छीन लिया गया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडू में एक लंबे समय तक नीट के जरिए प्रवेश होने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की कमी आ जाएगी। निजी संस्थान अस्पतालों की एक श्रंृखला बना लेंगे जो कॉर्पोरेट अस्पतालों के फायदे के लिए ही काम करेगी। नीट हमारी विद्यालयी पढ़ाई को अप्रासंगिक बनाता है। इससे कक्षाओं की पढ़ाई कोङ्क्षचग और ट्रेङ्क्षनग सेंटरों के जरिए प्रतिस्थापित हो जाएगी। नीट देश में मैडीकल कालेज खोलने के लिए विदेशी पूंजी जो आमंत्रित करने की व्यापक योजना है।

नीट केवल भारतीयों के लिए नहीं है। भारतवासियों के साथ-साथ अप्रवासी भारतीयों और विदेशी नागरिक भी मैडीकल सीट में दाखिले के लिए आवेदन के अर्ह है। जिला उपाध्यक्ष कॉमरेड प्रेम ने कहा जब महाविद्यालय के अंदर प्राध्यापक ही नहीं होंगे तो छात्रों की पढ़ाई कैसे होगी। काफी लंबे समय से मांग कर रही है कि महाविद्यालय के अंदर  प्रध्यापकों के रिक्त पदों को जल्द भरा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन इन मांगो को नहीं मानते है तो आने वाले समय के अंदर एस.एस.आई इस आंदोलन को और उग्र करेगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी। छात्रों की इस मांग को मनवाने के लिए एस.एफ.आई. को चक्का और सड़कों पर भी आना पड़े तो आएगी। प्रदेश सरकार और प्रशासन एक हफ्ते के अंदर कोई संज्ञान नही लेता है तो एस.एफ.आई. कालेज के अंदर भूख हड़ताल करेंगे।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Kaku Chauhan

Recommended News

Related News