Shimla: सरकार की चेतावनी के बाद भी कल चौड़ा मैदान में धरना देंगे प्राथमिक शिक्षक
punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 04:20 PM (IST)

शिमला (प्रीति): सरकार की ओर से चेतावनी जारी करने के बाद भी राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ 26 अप्रैल को धरना-प्रदर्शन करेगा। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वे अपने हक और छात्रों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए लड़ रहे हैं। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वे सरकार से डरने वाले नहीं हैं। सरकार की ओर से की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के लिए वह तैयार है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश शर्मा ने प्रैस वार्ता में कहा कि शनिवार को भारी संख्या में प्राथमिक शिक्षक चौड़ा मैदान में धरना देंगे। हालांकि पहले शिक्षा निदेशालय का घेराव करने का फैसला लिया गया था, लेकिन इसकी परमिशन नहीं मिली। ऐसे में अब यह सांकेतिक धरना चौड़ा मैदान में होगा। इसमें हर स्कूल से एक शिक्षक शामिल होगा।
उनका कहना है कि एक निदेशालय के पुनर्गठन में सरकार ने शिक्षकों को विश्वास में नहीं लिया, जबकि इसके लिए सरकार को स्टेक होल्डर्स की एक बैठक बुलानी चाहिए थी, जिसमे सभी शिक्षक संगठनों को बुलाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर ही निदेशालयों का असुंतलित विभाजन कर दिया, जिसके भविष्य में बुरे परिणाम सामने आएंगे। हैरानी की बात है कि 18,000 से अधिक शिक्षण संस्थानों के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय और 135 कॉलेजों के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय बना दिया। ऐसे में स्कूल शिक्षा निदेशालय का काम बढ़ जाएगा। शिक्षक प्री-प्राइमरी से 5वीं कक्षा तक के लिए अलग निदेशालय बनाने की मांग कर रहे हैं।
शिक्षकों का आरोप : शिक्षा सचिव की कथनी और करनी में अंतर
संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि संघ ने पिछले 2 वर्षों में सरकार और विभाग से वार्ता के माध्यम से मामलों को हल करने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन शिक्षकों को केवल आश्वासन ही मिलते रहे। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि शिक्षा सचिव की कथनी और करनी में अंतर है। संघ के अध्यक्ष का कहना है कि एक शिक्षा निदेशालय बनाने का फैसला पूरी तरह से प्राथमिक शिक्षा के ढांचे को नष्ट कर देगा। एक निदेशालय गठन की अधिसूचना प्राथमिक शिक्षक संघ के विरोध करने के बावजूद जारी कर दी गई। पुनर्गठन को लागू करने के लिए बनाई गई समिति में भी केवल लाल फीताशाही को ही शामिल किया गया है। इस समिति में किसी भी शिक्षाविद्, शिक्षक संगठन या राजनीतिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया है, जिसका संघ ने विरोध किया है।
शिक्षा निदेशक आईएएस बनाने का विरोध, शिक्षक बोले-आईएएस को शिक्षा की क्या जानकारी
संघ के पदाधिकारियों ने सरकार स्कूल शिक्षा निदेशालय में आईएएस की तैनाती का विरोध किया है। शिक्षकों का कहना है कि आईएएस को शिक्षा की क्या जानकारी है। आईएएस पाॅलिसी मेकर हो सकते हैं, लेकिन क्या वे पहली कक्षा को पढ़ा सकते हैं। ये सवाल शिक्षकों ने सरकार से किए हैं।
सरकार की चेतावनी के बाद शिक्षकों ने गैर-शिक्षण कार्य न करने का लिया फैसला
शिक्षकों ने स्पष्ट कहा है कि शिक्षक अब स्कूलों में गैर-शिक्षण कार्य नहीं करेंगे। न ही कोई ऑनलाइन काम करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि सरकार छात्र हित में कोई फैसले नहीं ले रही है। अंडर-12 टूर्नामैंट करवाने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया, जबकि बीते वर्ष भी कई बार यह मामला सरकार से उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेशों के यह टूर्नामैंट करवाए गए। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार कई मामलों पर विभाग से प्रपोजल मांगती है, इसके बाद उन पर आपत्तियां लगाकर उसे रिजैक्ट कर दिया जाता।
कक्षाएं छोड़कर प्रदर्शन में गए तो सीसीएस और सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई
प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की हड़ताल से पहले उन्हें चेतावनी जारी की है तथा 26 अप्रैल को होने वाले इस प्रदर्शन को रद्द करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि यदि स्कूल में कक्षाओं को छोड़कर शिक्षक शिमला में प्रदर्शन करते हैं तो उनके खिलाफ सीसीएस और सीसीए नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान शिक्षकों को प्रदर्शन के नोटिस को तुरंत वापस लेने और किसी भी तरह से विरोध या आंदोलन में शामिल होने से बचने के निर्देश दिए हैं, नहीं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।