सतपाल सत्ती ने लगाया आरोप, बोले-पैसा देकर जातीय आधार पर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही कांग्रेस
punjabkesari.in Saturday, Dec 18, 2021 - 10:09 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी पैसा देकर जातीय आधार पर लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ग विशेष को भड़काकर समाज को तोड़ने की कोशिश करना कांग्रेस की राजनीति का हिस्सा रहा है। सतपाल सिंह सत्ती यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विवादित विषय है लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस पार्टी ने सामान्य जाति और दूसरे धर्म से जुड़े लोगों को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि ऐसा करके कांग्रेस पार्टी अपने हितों को साधना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सामान्य जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि सामान्य आयोग के गठन का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले को सहज तरीके से शांत किया है।
समाज के हर वर्ग के साथ खड़ी है सरकार
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नजदीक आने पर कांग्रेस नेता अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए हिमाचल प्रदेश से विशेष राज्य के दर्जे और और औद्योगिक पैकेज को छीना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आज हिमाचल प्रदेश में एम्स, मेडिकल काॅलेज, फोरलेन और रेल निर्माण सहित अन्य कार्य नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अंतिम साल में तूफान खड़ा करने की कोशिश करती है, जिसका उदाहरण पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के रूप में नजर आ रहा है।
27 से जनसंपर्क अभियान चलाएगी भाजपा
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि भाजपा 27 दिसम्बर के बाद प्रदेश भर में जनसंपर्क अभियान चलाएगी। इस दौरान पार्टी हर घर तक पहुंचने का प्रयास करेगी, ताकि लोगों की समस्याओं का निवारण किया जा सके।
अक्तूबर, 2022 तक रिपोर्ट सौंपेगा वित्तायोग
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि वित्तायोग का कार्यकाल 31 दिसम्बर, 2021 को समाप्त हो रहा है, जिसकी अवधि 31 अक्तूबर, 2022 तक बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। उन्होंने कहा कि वित्तायोग अक्तूबर, 2022 तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 सहित अन्य कारणों से पंचायती राज स्थानीय निकाय संस्थाओं से वांछित जानकारी जुटाने में विलम्ब हुआ है। उन्होंने कहा कि आयोग की तरफ से संस्थाओं को सौंपी गई प्रश्नावली की 20 फीसदी जानकारी ही अब तक उपलब्ध हो पाई है। उन्होंने पंचायत व निकायों के पास पड़ी अनस्पैंट मनी को निश्चित प्रक्रिया के तहत दूसरे मदों में खर्च करने के प्रयास किए जा रहे हैंं।
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