Kullu: सड़क ठीक फिर भी नहीं मिल रही बस सुविधा, सैंज घाटी के कनौन में पैदल स्कूल जाने को मजबूर नौनिहाल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 16, 2025 - 02:44 PM (IST)
कुल्लू (संजीव): जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में प्राकृतिक आपदा के 5 महीने बीत जाने के बाद भी जनजीवन पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है। हालात ये हैं कि कई दूरदराज क्षेत्रों में सरकारी बस सेवाएं अब तक ठप्प पड़ी हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला सैंज घाटी के कनौन क्षेत्र से सामने आया है, जहां सड़क ठीक होने के बावजूद बस सेवा बहाल न होने से ग्रामीणों और स्कूली छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों के अनुसार कनौन क्षेत्र के लिए पिछले कई महीनों से सरकारी बस सेवा पूरी तरह बंद है। ग्रामीणों का दावा है कि अब सड़क की हालत यातायात के लिए दुरुस्त है, लेकिन परिवहन विभाग और डिपो प्रबंधन बस भेजने में लगातार आनाकानी कर रहे हैं। विभाग के इस रवैये के चलते पूरा क्षेत्र परिवहन व्यवस्था से कट-सा गया है। बस सेवा ठप्प होने का सबसे बुरा असर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों पर पड़ा है। शिक्षा हासिल करने के लिए इन नौनिहालों को रोजाना कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है। अभिभावकों ने चिंता जताते हुए कहा कि आजकल कड़ाके की ठंड और खराब मौसम के बीच पैदल चलने से कई बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। वहीं, जो सक्षम हैं वे मजबूरन महंगे निजी वाहनों का सहारा ले रहे हैं, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि कनौन क्षेत्र के लिए एचआरटीसी की बस सेवा किसी जीवनरेखा से कम नहीं है। बस न होने से न केवल बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि बुजुर्गों, मरीजों और कामकाजी लोगों का अस्पताल, बाजार या दफ्तर पहुंचना दूभर हो गया है। आपातकालीन स्थिति में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। सेवार्थ युवा जागृति मंडल कनौन के प्रधान कुंदन लाल और सचिव खेमराज ने बताया कि इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने परिवहन विभाग और डिपो प्रबंधन को कई बार अवगत करवाया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि शीघ्र ही कनौन क्षेत्र में सरकारी बस सेवा बहाल नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जनहित को देखते हुए तत्काल प्रभाव से बस सेवा शुरू की जाए, ताकि आम जनता की दिनचर्या सामान्य हो सके।

