ड्रग विभाग की बड़ी कार्रवाई, बीबीएन के 2 फार्मा उद्योगों में बंद करवाया उत्पादन

punjabkesari.in Friday, Jun 11, 2021 - 10:16 PM (IST)

सोलन (ब्यूरो): ड्रग विभाग ने दवा निर्माण की आड़ में कथित रूप से नशीली दवाओं का उत्पादन करने वाले फार्मा उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ड्रग विभाग को दवा उत्पादन का रिकॉर्ड उपलब्ध न करवाने पर 2 उद्योगों को उत्पादन बंद करने आदेश जारी कर दिए हैं। ये दोनों उद्योग बीबीएन में स्थापित हैं। यही नहीं, विभाग ने 2 उद्योगों के दवाओं के स्टॉक को भी सील कर दिया है जबकि 6 उद्योगों को अपना रिकॉर्ड दिखाने के लिए नोटिस जारी किया है। ड्रग विभाग ने दवा निर्माण की आड़ में कथित रूप से नशीली दवाओं का उत्पादन कर रहे उद्योगों को चैक करने के लिए 5 टीमों का गठन किया है। 4 टीमें जहां सहायक दवा नियंत्रक की अध्यक्षता में बनाई गई हैं, वहीं एक टीम का नेतृत्व उप दवा नियंत्रक कर रहे हैं।

4 जिलों में 53 उद्योगों का निरीक्षण किया

पुलिस की सहायता से इन टीमों ने पिछले एक सप्ताह में सोलन, ऊना, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में करीब 53 उद्योगों का निरीक्षण किया है। 43 उद्योगों में रिकॉर्ड सही पाया गया जबकि 10 उद्योगों में अभी जांच चली हुई है। बीबीएन के 2 उद्योगों में दवा उत्पादन को लेकर रखा जा रहा रिकॉर्ड सही नहीं पाया गया। इस कारण इन दोनों दवा उद्योगों का उत्पादन संदेहास्पद था। यही कारण है विभाग ने इनका उत्पादन बंद कर दिया है। इसी तरह 2 उद्योगों में कुछ दवाओं के स्टॉक का रिकार्ड उपलब्ध नहीं था। इस कारण विभाग ने इस स्टॉक सील कर दिया जबकि 6 उद्योगों को अपना रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए नोटिस जारी किया है।

2016 में 4 दवाओं को बैन कर चुका है ड्रग विभाग

ड्रग विभाग नशे के लिए इस्तेमाल हो रहे दवा उत्पादन को लेकर पहले से ही कार्रवाई कर रहा है। वर्ष 2016 में विभाग ने प्रदेश में पिस्योडोइफैडरिन, एफीड्रिन, डिपहैनौक्सीलेट और भूप्रनोफिन जैसी 4 दवाओं को बैन कर चुका है। इसे रोकने के लिए विभाग के निरीक्षक लगातार उद्योगों का निरीक्षण कर रहे हैं। नशीली दवाओं की परीधि में आने वाली दवाओं के उत्पादन करने वाले उद्योगों की लिस्ट पुलिस विभाग को दी हुई है। यही नहीं, राज्य दवा नियंत्रक ने वर्ष 2019 में राज्य स्तर व जिला स्तर पर इसके लिए टास्क फोर्स का गठन किया हुआ है, जिसमें दवा विभाग के अलावा पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी इसके सदस्य हैं। यह ज्वांइट टास्क फोर्स उन उद्योगों का निरीक्षण करती है जोकि दवा निर्माण का दुरुपयोग नशीली दवाओं के उत्पादन के लिए कर रहा है।

नशे के लिए मिस यूज हो रही दवाओं के लिए एसओपी तैयार

राज्य ड्रग विभाग ने नशे के लिए मिस यूज हो रही दवाओं के लिए एसओपी भी तैयार की है। इसके तहत उद्योग से दवा बाहर निकलने से पहले संबंधित ड्रग इंस्पैक्टर, पुलिस अधीक्षक व उस राज्य के ड्रग नियंत्रक को ई-मेल से जानकारी भेजनी होगी, जहां को दवा की आपूर्ति की जानी है। इससे नशे के लिए दवा के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है। दवा का नशे के लिए मिस यूज होने को लेकर विभाग ने यह फार्मूला तैयार किया गया है। एसओपी के अनुसार एनडीपीएस के अंतर्गत आने वाली हर उस दवा को कड़े नियमों से होकर गुजरना पड़ेगा। इसके तहत इस प्रकार की दवा के निर्माण के बाद दवा निर्माता को यह जानकारी देनी होगी। दवा निर्माण से लेकर ऑर्डर करने वाली फार्म तक पूरी प्रक्रिया सर्विलैंस पर रहेगी।


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Content Writer

Vijay

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