हिमाचल की बेटी को सलाम, इस जानलेवा बीमारी का ढूंढ रही सस्ता इलाज

punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2020 - 11:23 PM (IST)

चम्बा (ब्यूरो): हौसले बुलंद हों और मन में कुछ करने की लालसा हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता। कड़ी मेहनत व लग्र से हर बाधा को पार कर मंजिल मिल ही जाती है। यह कहना है जिले के अति दुर्गम क्षेत्र पांगी की प्रियंका ठाकुर का। वह इन दिनों पीजीआई चंडीगढ़ से वायरोलॉजी में पीएचडी कर रही हैं और डेंगू पर रिसर्च कर रही हैं।

उन्होंने इस विषय को इसलिए चुना ताकि हर वर्ग के लिए डेंगू का इलाज संभव हो सके। उनका कहना है कि डेंगू एक जानलेवा बीमारी है और अब तक इस बीमारी का देश में इलाज संभव नहीं हो पाया है। विदेशों में इसका इलाज होता है लेकिन काफी महंगा होने के कारण आम व्यक्ति इलाज करवाने में समर्थ नहीं होता, ऐसे में वह प्रयास कर रही हैं कि इसका सस्ता से सस्ता इलाज संभव हो सके।

प्रियंका की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई और छठी से दसवीं कक्षा तक उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किलाड़ पांगी में पढ़ाई की। इसके बाद कन्या विद्यालय चम्बा से जमा दो की पढ़ाई पूरी की और फिर चम्बा कॉलेज में ही बीएससी में दाखिला ले लिया। बीएससी करने के बाद 2013-14 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से माइक्रो बायोलॉजी में उन्होंने एमएससी की।

इसके बाद निजी क्षेत्र में नौकरी की लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी और वह नौकरी करने के साथ-साथ नैट की भी तैयारी करती रहीं। 2016 व 17 में उन्होंने लाइफ साइंजिस में नैट क्वालीफाई कर लिया। दो बार नैट क्वालीफाई करने के बाद 2017-18 में जेआरएफ भी निकाल लिया। इसके साथ ही उनकी पीएचडी में भी एडमिशन हो गई। पिछले डेढ़ साल से वह पीएचडी कर रही हैं। उनके पिता वन विभाग में आरओ हैं और माता गृहिणी हैं।

साधारण परिवार से संबंध रखने वाली प्रियंका ठाकुर बचपन से ही प्रतिभा की धनी थीं और हमेशा सबसे अलग करना उनका शौक व पैशन रहा है। यही कारण है कि आज वह इस मुकाम पर है। उनका कहना है कि हमेशा बड़ा सोचो और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुट जाओ, एक दिन मंजिल जरूर मिलेगी। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News