शिखर पर हिमाचल का हाल, कंधों पर उठा 3 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाई गर्भवती महिला

punjabkesari.in Tuesday, Jan 21, 2020 - 09:38 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): यूं तो प्रदेश सरकार हर रोज हर मंच से हिमाचल को शिखर पर ले जाने की बात करती है लेकिन धरातल पर कुछ और ही नजर आता है। आजादी के 72 साल बाद भी सैंकड़ों गांव ऐसे हैं जहां सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं पहुंच पाई है, जिसके चलते लोगों को खासकर सर्दियों में बीमारी की हालत में या फिर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए कंधों का सहारा लेना पड़ता है। इसके चलते ऊंची पहाडिय़ों के दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को मरीज को अस्पताल पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुविधा न होने से लोगों को 21वीं सदी में भी 18वीं सदी का जीवन यापन करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार कुल्लू जिला के दुर्गम क्षेत्र की नोहांडा पंचायत के आधा दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने नाही गांव की गर्भवती महिला लोसरी देवी को नाही गांव से लेकर पकड़ी गांव तक 3 किलोमीटर ऊबड़-खाबड़ रास्तों से कंधों पर उठाकर कड़ी मशक्कत के बाद सड़क तक पहुंचाया, जिसके बाद उसे 108 एम्बुलैंस में बंजार के क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया। यहां हर रोज पिछले 2 माह से घाटी की किसी न किसी गर्भवती महिला या मरीजों को कंधों पर उठाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

पंचायत प्रधान अनुज सूद ने बताया कि सरकार व प्रशासन को पंचायत की तरफ  से कई प्रस्ताव भेज गए हैं जिनमें पंचायत के 5 वार्डों को सड़क सुविधा से जोडऩे की मांग की है। उन्होंने कहा कि 2 वार्डों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है लेकिन 5 वार्डों के हजारों लोगों को सड़क न होने से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते ग्रामीणों को हर सामान पीठ पर उठाकर ही घर तक पहुंचाना पड़ता है।


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Vijay

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