Pong Lake में पहली बार देखा गया Greater Flamingo
punjabkesari.in Wednesday, Feb 01, 2017 - 01:45 PM (IST)

धर्मशाला: पौंग झील में पहली बार अफ्रीका व यूरोप में पाया जाने वाला ग्रेटर फ्लेमिंगो राजहंस परिवार की सबसे बड़ी प्रजाति देखी गई है। ग्रेटर फ्लेमिंगो के 2 जोड़े पौंग झील में देखने को मिले हैं। हालांकि ठंड के दिनों में विदेशों से कई विदेशी पक्षी पौंग झील में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हैं। ग्रेटर राजहंस प्रजाति अफ्रीका, मध्य पूर्व यूरोप तथा दक्षिणी भारत उपमहाद्वीपों के तटीय क्षेत्रों में पाया जाता है। रन ऑफ कुछ द्वीप हैं, जिसे फ्लेमिंगो सिटी कहते हैं, फ्लेमिंगों का बहुत बड़ा प्रजनन क्षेत्र माना जाता है। यह पक्षी कीचड़दार भूमि, अधिकतर नमक वाले पानी तथा तटीय लैगून में देखा जाता है। इस पक्षी की लंबी टांगें व लंबी गर्दन होती है। यह पक्षी काफी पुराना है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके जीवाश्म 30 लाख से अधिक पुराने हैं। यह पक्षी अकेला विचरण करता है। पहली बार पौंग बांध में आए विदेशी पक्षियों के साथ 425 दूसरी प्रजातियां भी विदेशों से पौंग बांध पहुंची हैं।
1.27 लाख पक्षियों ने पौंग झील में बनाया बसेरा
पौंग बांध में पिछले सप्ताह हुई पक्षियों की गिनती में पक्षियों की संख्या अब तक 1.27 लाख आंकी जा चुकी है, वहीं 93 प्रजातियां पिछले 3 दिनों से चली गणना में पौंग झील में देखी गई हैं। इस गणना को 100 लोगों ने अमलीजामा पहनाया है। पौंग बांध में अभी तक दर्ज हुई प्रजातियों में से बार हैडेड गुज की 52,530, कामन कूट की 15,632, नॉर्थन पिंटेल की 11,470, कामन टील की 10,284, कामन पोचार्ड 8,746, लिटल कोरमोरेंट 6,434, टरफ पोचार्ड की 3,838, नॉर्थन सोविलर 2,350 एंड रुड़ी शेलडक 1,900 शामिल हैं। पौंग झील में इस बार ऐसी दुर्लभ प्रजातियां भी देखी गई हैं जो कभी-कभार दिखती हैं। इनमें कामन शेलडक की 22 प्रजातियां, ग्रेटरवाइट फ्रंटडगीज की 73, ब्लैक बैलेड ट्रन 2, सारसक्रेंन 8, ओसप्रे की 7 और काली गर्दन वाले सारस की संख्या 7 आंकी गई है जोकि सर्दियों में भारत के विभिन्न इलाकों में भ्रमण करते हैं।