मरीज बेहाल! सिविल अस्पताल बरठीं में नहीं मिल रही एक्स-रे सुविधा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 11:53 AM (IST)

बरठीं, (मुकेश): भले ही सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के बड़े-बड़े दावे करती रहे या फिर लोगों को सुविधा देने के नाम पर बड़े-बड़े तगमे हासिल करती रहे लेकिन वास्तविकता में अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं न के बराबर हैं। बात करें सिविल अस्पताल बरठीं की तो यहां पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नाममात्र की हैं। आलम यह है कि पिछले करीब एक सप्ताह से एक्स-रे टैक्नीशियन की ड्यूटी फील्ड में है, जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
सिविल अस्पताल बरठीं में आसपास के क्षेत्र की करीब 2 दर्जन पंचायतों के लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं लेकिन यहां व्यवस्था न होने के कारण अधिकतर लोगों को मजबूरी में घुमारवीं या बिलासपुर का रुख करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में करीब एक सप्ताह से एक्स-रे टैक्नीशियन ही नहीं है। जो यहां पर था उसकी भी फील्ड में ड्यूटी लगाई गई है, जिससे लोगों को बाहर प्राइवेट में एक्स-रे करवाना मजबूरी बन गया है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुविधा न होने के कारण उन्हें बाहर एक्स-रे करवाना पड़ रहा है, जिसमें उन्हें 250 से 300 रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द उनकी इस समस्या का समाधान किया जाए।
रोजाना 120 के करीब है ओ.पी.डी.
सिविल अस्पताल बरठीं की रोजाना की कुल ओ. पी. डी. करीब 100 से 120 के बीच हैं और लोग काफी दूर-दूर से यहां अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। अस्पताल में आसपास की करीब 2 दर्जन पंचायतों के लोग इलाज के लिए आते हैं लेकिन सुविधा न मिलने से लोगों को काफी निराश होना पड़ता है।
क्या कहते हैं लोग
-बरठीं निवासी आशीष गौतम कहते हैं कि बरठीं अस्पताल नाम के लिए सिविल अस्पताल है यहां सुविधाएं तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बराबर हैं। अस्पताल में कभी कोई उपकरण खराब रहता है तो कभी कोई। प्रशासन को चाहिए कि समय रहते उपकरणों की जांच करवाए और यहां पर तैनात एक्स-रे टैक्नीशियन की ड्यूटी अस्पताल में ही लगाई जाए।
-चलारन निवासी जोगिंद्र सिंह ने बताया कि उनकी बेटी सुबह बरठीं अस्पताल गई थी, जहां उसको एक्स-रे करवाने के लिए कहा गया लेकिन काफी देर तक वह एक्स-रे रूम के बाहर इंतजार करती रही। बाद में पता चला कि एक्स-रे टैक्नीशियन की ड्यूटी तो फील्ड में लगाई गई है, जिसके बाद उसे बिना एक्स-रे करवाए ही घर लौटना पड़ा।
-लुरहानी लुरहानी निवासी नवल किशोर का कहना है कि सरकार को चाहिए कि जब अस्पताल खोला है तो यहां उपचार के लिए प्रयोग होने वाले उपकरणों व उनको चलाने वाले टैक्नीशियन की भी व्यवस्था की जाए, जिससे लोगों को परेशानी न उठानी पड़े।