Himachal: मानसून को लेकर हिमाचल पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, नदी-नालों से रहें दूर, न फैलाएं अफवाहें

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 03:40 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय की तरफ से आगामी मानसून के मौसम के मद्देनजर राज्य के नागरिकों और आगंतुकों के लिए एक विस्तृत सार्वजनिक सलाह जारी की गई है। यह सलाह राज्य के पहाड़ी इलाकों, तीव्र बहने वाली नदियों और भूस्खलन-संभावित क्षेत्रों से जुड़े महत्वपूर्ण जोखिमों को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है, जो बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं का कारण बन सकते हैं, जिससे जान-माल का भारी नुक्सान हो सकता है। डीजीपी कार्यालय की तरफ से सभी नागरिकों से इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है ताकि मानसून के दौरान सुरक्षा और तैयारी सुनिश्चित की जा सके।

ये हैं मुख्य दिशा-निर्देश
अनावश्यक यात्रा से बचें: भारी बारिश के दौरान, विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों, नदी के किनारों और निचले इलाकों के पास अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। इन क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा अधिक होता है।

मौसम संबंधी जानकारी पर नजर रखें: नागरिकों को मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमानों और अलर्ट पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया गया है। विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर ही अपनी गतिविधियों की योजना बनाएं।

आपातकालीन संपर्क नंबर सहेजें: आपातकालीन स्थिति के लिए महत्वपूर्ण संपर्क नंबरों को अपने मोबाइल फोन में सहेज कर रखें। इनमें पुलिस (112), आपदा प्रतिक्रिया दल के नंबर, स्थानीय हैल्पलाइन और स्वास्थ्य सेवाओं के नंबर शामिल हैं।

आपदा किट तैयार रखें: अपने मोबाइल फोन को पूरी तरह चार्ज रखें। एक आपातकालीन किट तैयार रखें जिसमें आवश्यक वस्तुएं जैसे सूखा भोजन, पर्याप्त पानी, आवश्यक दवाएं, एक टॉर्च, अतिरिक्त बैटरी और गर्म कपड़े शामिल हों।

नदी-नालों से दूर रहें: नदियों, नालों और बांधों के पास रहने वाले निवासियों को बारिश के दौरान और उसके बाद उफनती नदियों, नालों और झरनों से दूर रहने की सख्त सलाह दी गई है। आपातकालीन निकासी के लिए हमेशा तैयार रहें और अधिकारियों द्वारा जारी निकासी आदेशों का बिना किसी देरी के पालन करें। बांध से पानी छोड़े जाने की स्थिति में, स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।

जलविद्युत परियोजनाओं के लिए निर्देश: जलविद्युत परियोजना अधिकारियों को जलाशयों में जल स्तर की निरंतर निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। पानी छोड़ने से पहले जिला प्रशासन के साथ अनिवार्य रूप से समन्वय स्थापित करें। यह सुनिश्चित करें कि आस-पास के समुदायों को सचेत करने के लिए सभी सायरन और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली पूरी तरह से कार्यात्मक हों।

पर्यटकों और जल क्रीड़ा संचालकों के लिए विशेष सलाह: पर्यटकों और जल क्रीड़ा संचालकों (विशेष रूप से कुल्लू, बिलासपुर और ऊना जिलों में) को खराब मौसम के दौरान अपनी गतिविधियों को स्थगित करने का निर्देश दिया गया है। पर्यटकों को सरकारी सलाह का पालन करना चाहिए और उच्च प्रवाह अवधि के दौरान नदी-आधारित गतिविधियों से पूरी तरह बचना चाहिए। जल क्रीड़ा स्थलों को हर समय जीवन रक्षक जैकेट, प्रशिक्षित गाइड और बचाव उपकरण बनाए रखना चाहिए।

जिला पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को निर्देश: सभी जिला एसपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि आपातकालीन प्रतिक्रिया दल पूरी तरह से सुसज्जित और सतर्क हों। अधिकारियों को नियमित रूप से संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण करना चाहिए और सार्वजनिक हैल्पलाइन नंबर (112, व्हाट्सएप, ई-मेल, स्टेशन नंबर) व्यापक रूप से सांझा करने चाहिए। फील्ड अधिकारियों को आपात स्थिति के दौरान पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में तुरंत कार्य करना चाहिए।

किसी भी प्रकार की अफवाहें न फैलाएं: लाेगाें से आग्रह किया है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहें न फैलाएं और न ही असत्यापित वीडियो या संदेश ऑनलाइन प्रसारित करें, क्योंकि ऐसी जानकारी आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों को बाधित कर सकती है और अनावश्यक दहशत फैला सकती है। विश्वसनीय जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।


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Content Writer

Vijay

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