Kangra: खतरे को न्यौता दे रहा 25 मीटर ऊंचा जर्जर टैंक, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
punjabkesari.in Sunday, Jul 27, 2025 - 06:32 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): मिट्टी में बदल चुका कंकरीट का टैंक कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। लाखों की लागत से बना यह वाटर टैंक मिट्टी हो चुका है। यही कारण है कि जब गत वर्ष दिसम्बर माह में इस वाटर टैंक के निर्माण को पूरा करने का कार्य ठेकेदार को आबंटित किया, परंतु हथौड़ा मारते ही कंकरीट की स्थिति जर्जर पाई गई। ऐसे में अब कार्य को रोक दिया गया था। लगभग 2 लाख लीटर की क्षमता के इस टैंक को अनसेफ घोषित कर दिया गया है। परंतु तब से यह टैंक जस का तस खड़ा है। मामला पालमपुर के गांधी मैदान में बने वाटर टैंक का है।
गत दिसम्बर माह में इस वाटर टैंक के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा ठेकेदार को कार्य आबंटित किया गया। जिसके पश्चात ठेकेदार ने शटरिंग कर दी और सिविल वर्क का कार्य शुरू किया परंतु ठेकेदार ने पहले ही दिन विभागीय अधिकारियों की सूचना दी कि कंकरीट का पूर्व में हुआ कार्य पूरी तरह से जर्जर हो चुका है तथा हथौड़ा मारते ही कंकरीट नीचे गिर रहा है। ऐसे में इस वाटर टैंक का निरीक्षण किया गया। कार्य को रोक दिया गया। इसके पश्चात ठेकेदार ने शटरिंग को उतार लिया और जर्जर हो चुके इस टैंक को अनसेफ माना जा रहा है।
आम लोगों के लिए संकट का पर्याय बन सकता है यह टैंक
लगभग 25 मीटर ऊंचे जर्जर हो चुके इस टैंक के साथ नगर निगम का पुस्तकालय व वाचनालय है। टैंक का ऊपरी हिस्सा पुस्तकालय व वाचनालय के ऊपर है। ऐसे में यदि कभी यह टैंक किन्हीं परिस्थितियों में गिरता है तो यह पुस्तकालय आने वाले विद्यार्थियों तथा अन्य लोगों के लिए खतरे का पर्याय बन सकता है। वाचनालय में प्रातः से लेकर देर सायं तक बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययन करने के लिए बैठे रहते हैं। वहीं टैंक के नीचे ही सार्वजनिक शौचालय भी है। टैंक के साथ अन्य दुकानें भी हैं तो एक और आवासीय परिसर है। पिछले दिनों ही कुछ ही दूरी पर एक भवन का छज्जा बरसात के कारण भरभरा कर नीचे आ गिरा था।
न्यायालय में पहुंचा था मामला
लगभग 2 दशक पहले गांधी मैदान पालमपुर के एक कोने में लगभग 2 लाख क्षमता के वाटर टैंक का निर्माण कार्य किया गया। आधे से अधिक कार्य को कर भी दिया गया परंतु मामला न्यायालय में जा पहुंचा। लोगों ने आबादी वाले क्षेत्र तथा मैदान के कोने में इतनी बड़ी क्षमता का वाटर टैंक बनाए जाने को आम जनमानस के लिए खतरा बताते हुए न्यायालय में याचिका दायर की और न्यायालय ने निर्माण कार्य को स्टे कर दिया। उसके पश्चात अब जाकर इस टंकी की सुध ली गई।