Kangra: बात बिगड़ने से पहले अतिशीघ्र 30 करोड़ रुपए जमा करवा दे सरकार : शांता कुमार

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 07:08 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला परिसर के लिए प्रदेश सरकार बात बिगड़ने से पहले अतिशीघ्र 30 करोड़ रुपए जमा करवा दे। शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल सरकार देहरा परिसर के लिए पैसा दे रही है। उसका निर्माण पूरा होने वाला है परन्तु जदरांगल परिसर के लिए सरकार पैसा नहीं दे रही है। यह अन्याय ही नहीं, एक भयंकर अन्याय है। अब इसे सहना एक बहुत बड़ा पाप बन जाएगा। उन्होंने एक बार फिर से मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि कहीं बात बहुत बिगड़ न जाए, इसलिए अतिशीघ्र 30 करोड़ रुपए जमा करवा दें।

कोर्ट में सरकार ने अपना पक्ष नहीं रखा
पूर्व मुख्यमंत्री ने हिमाचल हाईकोर्ट का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला के अतुल भारद्वाज द्वारा न्यायालय में हिमाचल सरकार के विरुद्ध एक याचिका के संबंध में हिमाचल सरकार को 25 हजार रुपए का जुर्माना किया है। धर्मशाला केंद्रीय विश्वविद्यालय का जदरांगल परिसर बनाने के लिए हिमाचल सरकार 30 करोड़ रुपए जमा नहीं करवा रही है। हाईकोर्ट ने इस विषय पर संबंधित पक्षों से अपना मत रखने को कहा, सबने अपनी बात कह दी परन्तु 3 बार समय देने के बाद भी हिमाचल सरकार ने अपना पक्ष नहीं रखा। हिमाचल सरकार को यह बताना था कि वह जदरांगल परिसर के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपए जमा क्यों नहीं करवा रही। 3 बार समय देने पर जब सरकार ने अपना पक्ष नहीं रखा तो हाईकोर्ट ने 25 हजार रुपए जुर्माना किया लेकिन अगली पेशी पर सरकार को उपस्थित होना ही पड़ेगा।

12 वर्ष के बाद भी सरकार भवन बनाने में नाकाम
उन्होंने कहा कि पूरे भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने एक प्रदेश को केंद्रीय विश्वविद्यालय दिया और 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का भवन प्रदेश सरकार नहीं बना सकी। यह नालायकी हिमाचल प्रदेश में ही हुई है और एक हिमाचली होने के कारण मैं भी बहुत शार्मिंदा हूं। शांता कुमार ने कहा कि इस विषय पर बहुत कुछ कहा जा चुका है। जनता ने आंदोलन भी किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया है कि अब अगली पेशी से पहले वे जदरांगल परिसर के लिए 30 करोड़ रुपए जमा करवा दें।

उन्होंने कहा कि इस विषय पर बहुत से नेता गंभीर विचार कर रहे हैं। कुछ नेताओं ने कांगड़ा-धर्मशाला को यतीम समझ लिया है। शांता कुमार ने कहा कि वह स्वयं इस विषय पर बहुत दुखी और आहत हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद भारत सरकार ने अंतिम निर्णय कर दिया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर धर्मशाला में रहेगा और एक परिसर देहरा में होगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Kuldeep

Related News