मानसून सत्र के 7वें दिन गर्माया सदन का माहौल, विपक्ष ने 2 बार किया वॉकआऊट
punjabkesari.in Tuesday, Aug 10, 2021 - 09:44 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के 7वें दिन सदन का माहौल गर्माया रहा और विपक्ष ने 2 बार सदन से वॉकआऊट किया। विपक्षी कांग्रेस का आरोप था कि जो मुद्दे कोरोना संकट को लेकर उनकी तरफ से सदन में नियम-130 के तहत हुई चर्चा के दौरान उठाए गए, उनका जवाब स्वास्थ्य मंत्री नहीं दे रहे और वह अपनी बात ही कह रहे हैं। इससे नाराज विपक्षी सदस्य पूरा जवाब सुनने से पहले ही अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे तथा बाद में सदन से वॉकआऊट कर गए।
विपक्ष के सदस्यों का मार्गदर्शन करने और सलाह देना वाला कोई नहीं : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के वॉकआऊट की निंदा करते कहा कि स्वास्थ्य मंत्री विस्तार से जानकारी दे रहे थे लेकिन विपक्ष सुनने को ही तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने की दृष्टि से ऐसा किया गया है। सरकार ने कोरोना संकट काल के दौर में क्या-क्या किया, उसे विपक्ष के सदस्य सुनते तो अच्छा होता। मंत्री ने पूरी तैयारियों के साथ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्यों का मार्गदर्शन करने वाला और सलाह देना वाला कोई नहीं है। सभी सलाहकार बने हैं तथा सब आगे निकलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस आपदा में भी विपक्ष राजनीति कर रहा है जो निंदनीय है।
कोरोना से हिमाचल में भी उम्मीद से ज्यादा दुखद मृत्यु हुईं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में भी कोरोना के मामले बढ़े हैं और हिमाचल में भी उम्मीद से ज्यादा दुखद मृत्यु हुई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के जीवन को बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाया और काम किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कभी यह स्थिति नहीं आई कि मरीज को यह कहना पड़ा कि बैड नहीं है। यहां सभी मरीजों को बैड मिले हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन में हिमाचल पहले स्थान पर है और जीरो वेस्टेज में भी सबसे आगे है।
विधायक जगत सिंह नेगी की टिप्पणी पर सत्तापक्ष ने जताई आपत्ति
दूसरी दफा विपक्ष ने विधायक जीतराम कटवाल द्वारा नियम-130 के तहत प्रदेश में महिलाओं, वृद्धों, दिव्यांगों व समाज के दूसरे कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रहीं कल्याणकारी योजनाओं को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर चल रही चर्चा के दौरान सदन से वॉकआऊट किया। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने जब आरएसएस को लेकर कुछ टिप्पणी की तो सत्तापक्ष की तरफ से वन मंत्री राकेश पठानिया ने आपत्ति जताई। इससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसी दौरान पक्ष व विपक्ष के सदस्य एक-दूसरे पर आरोप व प्रत्यारोप लगाते रहे तथा नारेबाजी भी की गई। इसके बाद विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर चले गए। इस पर मुख्यमंंत्री ने कहा कि हर बात पर वॉकआऊट करना विपक्ष की आदत बन गई है।
संघ के संस्थापक ने स्वीकार नहीं किए थे लड्डू : सुरेश भारद्वाज
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही से इसे हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विधायक ने कल्याणकारी योजना पर न बोलकर आरएसएस आदि पर टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह ने देश को एक बनाया है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जनसंघ, भाजपा व आरएसएस पर बोले हैं। महारानी विक्टोरिया का जिक्र किया लेकिन शायद उन्हें इतिहास की जानकारी नहीं है कि जब महारानी विक्टोरिया हिन्दोस्तान आई थीं तो संघ के संस्थापक ने लड्डू स्वीकार नहीं किए थे।
जवाब सुने बिना बाहर जाना दर्शा रहा मानसिकता : महेंद्र सिंह
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने विपक्ष के वॉकआऊट पर सदन में कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी को लेकर जिस प्रकार से पूरे प्रदेश में काम किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि विपक्ष मंत्री का जवाब सुने बिना ही बाहर जा रहा है और यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य मंत्री का जवाब पूरा होने पर उनके उठाए मामले की बात न आती तो ठीक था लेकिन इससे पहले ही वे सदन से बाहर चले गए। उन्होंने इसकी घोर निंदा की और कहा कि विपक्ष हमेशा बाहर जाने के मौके की तलाश में रहता है।
नेगी को नहीं मिली अनुमति, शांडिल सदन में ही रहे
दूसरी दफा वॉकआऊट किए जाने के बाद जब विपक्षी सदस्य वापस सदन में लौटे तो विधायक जगत सिंह नेगी ने नियम 323 के तहत कुछ कहना चाहा लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। इस बीच सत्तापक्ष की तरफ से विधायक जगत सिंह नेगी के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान जगत सिंह नेगी व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के बीच हल्की तू-तू, मैं-मैं भी हुई। इससे कुछ क्षण के लिए सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया था। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया तथा कहा कि यह परंपरा ठीक नहीं है। इसके कुछ समय बाद विपक्ष के सदस्य नारे लगाते हुए बाहर चले गए लेकिन कांग्रेस विधायक कर्नल धनीराम शांडिल सदन से बाहर नहीं गए। अगला विषय कर्नल धनीराम शांडिल का था। उन्होंने नियम-61 के तहत चर्चा मांगी थी।