टूटे घर और सड़कें.... हिमाचल का ये पूरा गांव हुआ जमींदोज, अब सेना ने संभाला मोर्चा
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 12:49 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के थुरल में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां के बछवाई गांव में बिना किसी भूस्खलन या पहाड़ के दरकने के, पूरी की पूरी जमीन धंस गई है, जिससे पूरा गांव ही जमींदोज होने की कगार पर पहुंच गया है। इस अप्रत्याशित आपदा को देखते हुए, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अलावा भारतीय सेना को भी बचाव कार्यों के लिए बुलाया गया है।
बछवाई गांव में लगभग एक किलोमीटर के दायरे में जमीन 10 फीट तक नीचे धंस गई है। इस घटना से आसपास के लोग दहशत में हैं। भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे इलाके को सील कर दिया है और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हालांकि, कुछ लोग अपने घरों को छोड़ने से हिचकिचा रहे हैं, लेकिन सेना और प्रशासन मिलकर उन्हें सुरक्षित निकालने का काम कर रहे हैं। इस आपदा में 13 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं।
सेना ने कमांडर ऑफिसर की अगुवाई में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। हर घर तक रास्ता बनाकर आर्मी के जवान परिवारों का सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। कर्नल अर्पित पारिक, जो योल कैंट में तैनात हैं, ने बताया कि उन्हें प्रशासन से मदद की अपील मिली थी। उनकी टीम मौके पर पहुंची और प्रभावित परिवारों की मदद कर रही है। उन्होंने बताया कि कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और दो मकान गिरने की कगार पर हैं। सेना ने चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई है और लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए गाड़ियां लगाई हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहां की सड़क दो हिस्सों में बंट गई है और बीच में 15 फीट गहरी खाई बन गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, 15 सितंबर की रात को भारी बारिश शुरू हुई और तभी जमीन के खिसकने का सिलसिला भी शुरू हो गया। उषा कुमारी और सुनीता जैसी कई महिलाओं ने बताया कि जैसे ही उन्हें जमीन धंसने का आभास हुआ, वे तुरंत गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान की ओर भागे। सुबह होते-होते उनके घर जमींदोज हो गए।
इस आपदा में हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन लोगों के आशियाने और सामान सब कुछ खतरे में आ गए हैं। भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से बड़ी त्रासदी को टाला गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी सेना और जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सेना और प्रशासन ने न केवल जान-माल की रक्षा की, बल्कि प्रभावित परिवारों में सेना के प्रति विश्वास को भी बढ़ाया है। इस आपदा ने यह दिखाया है कि कुदरत का कहर कब और कैसे बरप जाए, कोई नहीं जानता, लेकिन मुश्किल की इस घड़ी में भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर एक मिसाल पेश की है।