सरकार ने छीनी शक्ति, अब पंचायत सचिव नहीं बनाएंगे बेरोजगारी प्रमाण पत्र
punjabkesari.in Wednesday, Apr 25, 2018 - 06:23 PM (IST)

सोलन: प्रदेश में पंचायत सचिव अब बेरोजगारी प्रमाण पत्र नहीं बनाएंगे। सरकार ने उनसे यह शक्ति वापस ले ली है। इस बारे सभी जिला पंचायत अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि पंचायत सचिव द्वारा बनाया गया बेरोजगारी प्रमाण पत्र तहसीलदार के काऊंटर साइन के बाद ही वैध माना जाता था। सरकार नए आदेश में यह बताना भूल गई है कि तहसीलदार किसकी रिपोर्ट पर ये प्रमाण पत्र बनाएंगे।
बदलते रहे हैं नियम
मजेदार बात यह है कि समय-समय पर बेरोजगारी प्रमाण पत्र को लेकर नियम बदलते रहे हैं। 6 मई, 2008 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने पंचायत सचिव/पंचायत सहायक को परिवार रजिस्टर के आधार पर बेरोजगारी प्रमाण पत्र बनाने की शक्ति प्रदान की थी। जिस परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी रोजगार में नहीं है, उसे यह प्रमाण पत्र जारी किया जाता था। इस पर प्रधान व उपप्रधान के काऊंटर साइन होते थे। इसको लेकर कुछ समय बाद नियम फिर बदले और तहसीलदार के काऊंटर साइन के बाद ही इसे वैध माना जाने लगा। इसके बावजूद 2008 की अधिसूचना का हवाला देकर पंचायत द्वारा ही बेरोजगारी प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। विशेषकर आंगनबाड़ी केंद्र या फिर पंचायत स्तर की पोस्ट के लिए कई पंचायतों द्वारा ये प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पंचायत सचिव से यह शक्ति वापस ले ली।
एस.डी.एम., तहसीलदार व नायब तहसीलदार बनाएंगे प्रमाण पत्र
इसके अलावा सरकार ने क्लास थ्री व क्लास फ ोर के लिए साक्षात्कार समाप्त करने के बाद प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर एक अधिसूचना जारी की थी। 18 जुलाई, 2017 को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार पिछड़ा क्षेत्र, भूमिहीन, एक हैक्टेयर से कम भूमि, आय प्रमाण पत्र तथा बेरोजगारी प्रमाण पत्र बनाने की शक्ति एस.डी.एम., तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को प्रदान की गई थी। बी.पी.एल., तलाकशुदा, विधवा, एकल महिला, एकल बेटी और अनाथ का प्रमाण पत्र बी.डी.ओ. द्वारा परिवार रजिस्टर के आधार पर जारी किया जाता है। अपंग प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग तथा एन.सी.सी., एन.एन.एस. व स्काऊट एंड गाइड का प्रमाण पत्र सम्बन्धित संस्थान के हैड द्वारा ही जारी किया जाएगा।