हिमाचल की राजधानी में नहीं पीने लायक पानी, BIS के सर्वे में शिमला को मिला ये स्थान

punjabkesari.in Sunday, Nov 17, 2019 - 09:14 PM (IST)

शिमला (तिलक राज): शिमला की स्वस्थ आबोहवा में तरोताजा होने के लिए बेशक प्रदूषित दिल्ली से सैलानी यहां की वादियों में पहुंचते हों लेकिन सार्वजनिक नल का पानी पीने की स्थिति में न सिर्फ सैलानी बल्कि आम शहरी भी बीमार हो सकता है। स्वस्थ व स्वच्छ आबोहवा के लिए मशहूर शिमला ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की पानी की रैकिंग में 7वें पायदान पर खड़ा है। देश के 21 शहरों में पानी की जांच में शिमला 7वें नम्बर पर आया है। बेशक शिमला में घर से जुटाया गया पानी का सैंपल बीआईएस के मानकों पर खरा उतरा हो लेकिन सार्वजनिक नलों से जुटाए गए 10 में से 9 सैंपल फेल हुए हैं।
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पानी के सैंपल फेल होने से साफ है कि शहर में लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने देश के राज्यों की राजधानियों में रहने वाले बाशिंदों को मिलने वाली पानी की गुणवत्ता की जांच के मकसद से मानक तय किए। पेयजल के मानकों के तय होने के बाद मंत्रालय ने राजधानियों में इसको लेकर सैंपल जुटाए, जिनकी जांच की गई और फिर रैंकिंग जारी की गई है।
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हालांकि बीआईएस की सर्वे रिपोर्ट को लेकर शिमला जल प्रबंधन निगम संतुष्ट नजर आ रहा है। निगम के एमडी धर्मेंद्र गिल का कहना है कि रिपोर्ट से वे पूरी तरह से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा की रोज आईजीएमसी से 20 सैंपल जांच के लिए भेजे जाते हैं जिसमें से अधिकतर सही पाए जा रहे हैं और जो रिपोर्ट आई है उसमें शिमला 7वें नम्बर पर है। जो शहर पहले पीलिया की दहशत में जी रहा है था उसका पानी अच्छा पाया गया है। सभी शहरों से 10-10 सैंपल लिए गए थे और शिमला शहर में एक पैरामीटर फेल हुआ है, जिसकी वजह से 7वें रैंक पर आए हैं। जब पूरा डाटा मिलेगा तो इसमें और सुधार किया जाएगा।


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Vijay

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