झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रही कुल्लू की निशा, जानिए संघर्ष की कहानी
punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2025 - 05:37 PM (IST)
हिमाचल डेस्क। झुग्गियों में शिक्षा का सपना देखना आज भी एक चुनौती है। इनमें रहने वाले बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। पारिवारिक समस्याओं, आर्थिक तंगी और स्वास्थ्य कारणों के चलते कई बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। ऐसे में इन बच्चों को शिक्षित करने और उनमें शिक्षा का महत्व जगाने का कार्य कुल्लू की रहने वाली निशा ठाकुर कर रही हैं। उनका यह प्रयास न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज को एक नई दिशा देने वाला है।
नर्सिंग से सेवा का जज़्बा
निशा ठाकुर पेशे से नर्स हैं और पार्ट-टाइम काम करती हैं। साथ ही वे अपने आगामी एग्जाम्स की तैयारी भी कर रही हैं। अपने काम और पढ़ाई के बावजूद, निशा हर दिन समय निकाल कर इन झुग्गी में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने आती हैं. निशा बताती हैं कि सेवा की भावना उन में नर्सिंग प्रोफेशन में रह कर आई और इसी भावना के चलते वे इन बच्चों के साथ समय बिताने और इन्हें पढ़ाने आती हैं। पिछले 3 साल से हर रोज निशा इन झुग्गियों में बच्चों को पढ़ाने आ रही हैं।
निशा खुले आसमान के नीचे लगती है क्लास
निशा की क्लास खुले आसमान के नीचे लगती है। झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के पास पढ़ाई के लिए कोई स्थायी जगह नहीं है। शुरुआत में, उनकी क्लास में करीब 40 बच्चे आते थे। हालांकि, समय के साथ यह संख्या घटकर 18 रह गई। इन बच्चों में कई ऐसे हैं जो स्कूल नहीं जाते और यहीं पढ़ाई का पहला कदम रखते हैं। अक्षर लिखने और पढ़ने का ज्ञान प्राप्त करने वाले ये बच्चे निशा की मेहनत और समर्पण का परिणाम हैं।
निशा के इस नेक कार्य में कुल्लू की एक उनकी मदद कर रही है। यह सोसाइटी बच्चों को किताबें, कॉपियां और कपड़े प्रदान करती है। इन संसाधनों की उपलब्धता से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ती है। नई पेंसिल, कॉपी, और किताबें बच्चों के लिए न केवल पढ़ाई का माध्यम हैं, बल्कि उनके जीवन में खुशी और उम्मीद की एक नई किरण भी हैं।
निशा ठाकुर हर दिन अपने व्यस्त कार्यक्रम से एक घंटा इन बच्चों को पढ़ाने के लिए निकालती हैं। उनका मानना है कि शिक्षा एक ऐसा साधन है जो बच्चों को गरीबी और अज्ञानता से बाहर निकाल सकता है। उनका यह प्रयास बच्चों में आत्मविश्वास भरता है और उन्हें झुग्गियों से बाहर की दुनिया देखने और समझने का मौका देता है।
युवा पीढ़ी को प्रेरणा
निशा का मानना है कि अगर हर युवा अपने समय का कुछ हिस्सा सामाजिक कार्यों में लगाए, तो समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उनका यह संदेश हर उस व्यक्ति के लिए है, जो समाज में सुधार लाने की इच्छा रखता है। उनका यह प्रयास दिखाता है कि छोटे-छोटे कदम भी बड़ी सकारात्मकता ला सकते हैं।
बच्चों को नई दुनिया से परिचित कराना
निशा का उद्देश्य सिर्फ बच्चों को अक्षर ज्ञान देना नहीं है। वे चाहती हैं कि ये बच्चे शिक्षा के महत्व को समझें और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित हों।