करोड़ों के गबन का मामला : नए जांच अधिकारी ने कब्जे में लिया कृषि सहकारी सभा दियोली का रिकॉर्ड

punjabkesari.in Sunday, Nov 08, 2020 - 12:11 AM (IST)

एसपी ने मामले में कोताही बरतने पर एसएचओ गगरेट व सब इंस्पैक्टर को किया है सस्पैंड
ऊना (सुरेन्द्र):
गगरेट क्षेत्र की बहुचर्चित कृषि सहकारी सभा दियोली में लगाए गए नए जांच अधिकारी ने पूरा रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। इसी के साथ जांच अधिकारी ने सहकारी सभा में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है। दिसम्बर महीने तक यह जांच पूरी की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि आखिर 11.70 करोड़ रुपए की राशि गई कहां। लम्बे समय से कृषि सहकारी सभा की जांच का कार्य लटका हुआ है। खाता धारक लगातार सरकार से जांच करने और उनकी राशि दिलवाए जाने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में सहकारी सभा की सोसायटी के अध्यक्ष सहित अन्य लोगों ने लगातार सरकार पर जांच शीघ्र पूरी करने को लेकर दबाव बनाया हुआ है। पिछले कल एसपी ऊना ने जांच में ढिलाई बरतने और कुछ अन्य कारणों के चलते जांच अधिकारी एसएचओ गगरेट हरनाम सिंह व सब इंस्पैक्टर को सस्पैंड कर एसएचओ भरवाईं दर्शन सिंह को नया जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

सहकारी सभा दियोली काफी समय से है विवादों में

जिला की दियोली कृषि सहकारी सभा काफी लम्बे समय से विवादों में है। यहां खाता धारकों की राशि उन्हें नहीं मिल पा रही है। करीब 11.70 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं का मामला इस सहकारी सभा में उजागर हुआ था। गगरेट पुलिस थाना में 17 सितम्बर, 2019 को दियोली कृषि सहकारी सभा में भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। अब तक पुलिस इस बात का पता नहीं लगा पाई है कि आखिर इतनी बड़ी राशि गई कहां। उसका जिम्मेदार कौन है? खाताधारक लगातार जांच की मांग कर रहे हैं और इस बात पर अड़े हुए हैं कि पता लगाया जाए कि आखिर उनके द्वारा जमा की गई पंूजी कहां गई है।

एक एजैंसी से दूसरी एजैंसी के पास भटक रहा मामला

कृषि सहकारी सभा दियोली में हुए करोड़ों रुपए के गबन का मामला कभी एक एजैंसी तो कभी दूसरी एजैंसी के पास भटक रहा है। सबसे पहले मामले की शिकायत विजीलैंस के पास पहुंची। विजीलैंस ऑफिस इस पर कोई जांच कर पाता इससे पहले एफआईआर गगरेट पुलिस थाना में दर्ज कर दी गई। कई महीने के बाद भी अभी तक गगरेट पुलिस थाना इस संदर्भ में कोई पुख्ता जांच नहीं कर पाया है। इसके बाद एलान किया गया कि जांच विजीलैंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो करेगी लेकिन जब सरकारी स्तर पर उन्हें कोई आदेश ही नहीं मिले हैं तो यह कैसी जांच होगी। इसके बाद एसआईटी का गठन कर दिया गया और गगरेट पुलिस को इसकी जिम्मेदारी दे दी गई लेकिन जांच में ढिलाई बरतने के मामले में जांच अधिकारी को सस्पैंड किया गया था।


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Vijay

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