काॅलेजों में अगले सत्र से लागू होगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, HPU ने किया कमेटी का गठन

punjabkesari.in Tuesday, Mar 26, 2024 - 06:57 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) से संबद्ध काॅलेजों में अगले सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा। शिक्षा नीति को सुचारू रूप से काॅलेजों में लागू करने के लिए एचपीयू ने कमेटी का गठन किया है। डीन ऑफ स्टडीज प्रो. बीके शिवराम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। इसमें प्रो. कुलभूषण चंदेल को समन्वयक नियुक्त किया गया है। यह कमेटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कार्य करेगी। मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने व मेरू प्रोजैक्ट को धरातल पर उतारने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सत्र 2024-25 से काॅलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान तय हुआ कि अगले सत्र से पहले प्रदेश के काॅलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा और 3 वर्ष बाद स्नातकोत्तर स्तर पर यह नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा। 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए तैयार किया जाएगा ऑर्डिनैंस
अब आगामी दिनों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए ऑर्डिनैंस तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही पाठ्यक्रम भी तैयार करने का कार्य अमल में लाया जाएगा और विद्यार्थियों को नैशनल अकादमिक डिपॉजिट्री के तहत अकादमिक बैंक ऑफ क्रैडिट्स (एबीसी) से पंजीकृत करवाने के कार्य को पूरा करने की दिशा में कदम उठाया जाएगा। बैठक में प्रो-वाइस चांसलर प्रो. राजेंद्र वर्मा, पूर्व प्रो-वाइस चांसलर प्रो. ज्योति प्रकाश शर्मा, डीन ऑफ स्टडीज प्रो. बालकृष्ण शिवराम, रजिस्ट्रार डाॅ. वीरेंद्र शर्मा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल, चीफ वार्डन प्रो. रोशन लाल जिंटा, डीएसडब्ल्यू प्रो. ममता मोक्टा, अधिष्ठाता योजना, अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास परिषद प्रो. एसएस नारटा, वित्त अधिकारी पीसी जसवाल के अतिरिक्त सभी अधिष्ठाता, शोध केंद्रों के निदेशक व विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

अगले शैक्षणिक सत्र से काॅलेजों में सैमेस्टर पैटर्न व क्रैडिट सिस्टम होगा लागू
राष्ट्रीय शिक्षा नीति चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। इसको लेकर एचपीयू ने रोडमैप तैयार कर लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले चरण में काॅलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अगले शैक्षणिक सत्र से काॅलेजों में सैमेस्टर पैटर्न व क्रैडिट सिस्टम लागू किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले कॉलेजों में लागू किया जाएगा। इसके लागू होने के बाद पहला बैच पासआऊट होने के बाद इसे विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर लागू किया जाएगा ताकि नई व्यवस्था लागू करने के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए।

नैशनल अकादमिक डिपॉजिट्री के तहत एबीसी से पंजीकृत होंगे विद्यार्थी
नैशनल अकादमिक डिपॉजिट्री के तहत अकादमिक बैंक ऑफ क्रैडिट्स (एबीसी) से पंजीकृत होना विश्वविद्यालय व काॅलेजों के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य है। हालांकि यह प्रक्रिया पहले से जारी है, लेकिन सभी विद्यार्थी अभी पंजीकृत नहीं हो पाए हैं। कुलपति ने बैठक के दौरान सभी विभागों को मल्टी डिसिप्लेनरी बास्केट व स्किल एनहांस बास्केट, ज्वाइंट डिग्री कोर्स, अन्य विश्वविद्यालय व शैक्षणिक संस्थानों के साथ व वैल्यू एडिड कोर्स को तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

मेरू के तहत मिली 100 करोड़ की ग्रांट को इस तरह किया जाएगा खर्च
कुलपति ने मेरू के तहत मिली 100 करोड़ की ग्रांट को विश्वविद्यालय के विकास के लिए खर्च करने के बारे में भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि इस ग्रांट को 4 भागों में बांटा जाएगा। पहला नए भवन निर्माण कार्य, दूसरा भवनों के जीर्णोद्धार, तीसरा प्रयोगशाला व परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए तथा चौथा सॉफ्ट कम्पोनैंट, जिसमें वैबसाइट का सुदृढ़ीकरण करना होगा। यह राशि विश्वविद्यालय को 2 साल के भीतर खर्च करनी होगी। कुलपति ने कहा कि हर कैंपस को मेरू के तहत परिवर्तित करना होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय की वैबसाइट के सुदृढ़ीकरण करने के लिए एक टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीएम उषा के तहत हर विभाग को मासिक व त्रैमासिक न्यूजलैटर की रिपोर्ट जारी करने के निर्देश भी दिए हैं।
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Content Writer

Vijay

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