राणा ने सरकार से पूछा सवाल, किस कारण CBI को नहीं सौंपी मानव भारती फर्जी डिग्री स्कैम की जांच?
punjabkesari.in Wednesday, Jan 19, 2022 - 06:38 PM (IST)
हमीरपुर (ब्यूरो): प्रदेश के सबसे बड़े स्कैम मानव भारती फर्जी डिग्री मामले में अब सरकार ईमानदार व कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित करने लगी है। 2 हजार करोड़ से ज्यादा के इस स्कैम में असल मुद्दे को भटकाने व असल गुनाहगारों को बचाने की कसरतें शुरू हो गई हैं। यह गंभीर आरोप राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रैस बयान में लगाया है। उन्होंने कहा कि मानव भारती विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री स्कैम का मामला कांग्रेस सड़क से लेकर विधानसभा तक लगातार उठाती आई है। मीडिया के माध्यम से भी प्रदेश का यह बड़ा घोटाला वर्षों से सुर्खियां बन रहा है लेकिन सरकार इस मामले को सीबीआई को देने से लगातार बचती रही है। उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि आखिर किस कारण से मानव भारती फर्जी डिग्री स्कैम की जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंपी। राणा ने कहा कि अभी भी सरकार अगर इस मामले की गंभीरता को समझे तो यह मामला सीबीआई को दिया जा सकता है। राणा ने कहा है कि इस मामले में कई पुलिस अधिकारियों की कारगुजारी भी संदिग्ध रही है जिस कारण से 2 हजार करोड़ रुपए के स्कैम का मास्टर माइंड देश से फरार हुआ है।
राणा ने कहा है कि हैरानी यह है कि अब इस मामले पर उन अधिकारियों को प्रताड़ित किया जाने लगा है जो अधिकारी इस मामले की कड़ी मेहनत करके पैरवी कर रहे थे। हैरानी यह है कि सरकार ने अब उन अधिकारियों को प्रताड़ित करने के लिए विजिलैंस जांच की परमिशन दे डाली है लेकिन इस जांच को वे अधिकारी कर रहे हैं जिनकी इस स्कैम के मास्टर माइंड को बचाने की संदिग्ध भूमिका रही है। हालांकि पुलिस के अपने कायदे-कानून के मुताबिक विजिलैंस जांच विजिलैंस एजैंसी ही करती है लेकिन इस मामले की जांच अब ऐसे अधिकारियों को सौंपी गई है जिनकी भूमिका इस स्कैम में सबसे ज्यादा संदिग्ध रही है। राणा ने कहा कि वास्तव में इस स्कैम के असल गुनाहगारों को बचाने के लिए अब कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित करने का नया खेल सरकार ने स्वयं शुरू करवाया है। इस मामले में जिन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध रही जिन्होंने मानव भारती में हुए भ्रष्टाचार की काली कमाई के दम पर जांच के नाम पर अपने हाथ रंगे हैं, अब उन्हीं अधिकारियों को जांच का मुखिया बनाकर कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित करने के लिए पीछे लगाया गया है।
हैरानी यह है कि जीरो टॉलरैंस की दुहाई देने वाली सरकार ने इस जांच में सबसे ईमानदार व मेहनत करने वाले अधिकारियों का नाम भी अब घोटाले के मास्टर माइंड राजकुमार से जोड़कर प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू किया है। राणा ने कहा कि सरकार इस गुनाह के सरगना राजकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच समय से करवाती तो आज इस स्कैम के असल गुनाहगार सलाखों के पीछे होते लेकिन सरकार इस मामले पर पर्दा डालने के लिए अब अपने ही अधिकारियों को प्रताड़ित करने में लगी है जोकि इस बात का संदेह पैदा कर रहा है कि इस स्कैम के बड़े मगरमच्छों को बचाने व मामले से ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने नए खेल की शुरूआत करवाई है।
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