Sirmaur: कांशीवाला में शिफ्ट होगा डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज! 150 बीघा भूमि तलाशी

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 11:55 AM (IST)

नाहन (आशु वर्मा): डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज को शहर से करीब 3 किलोमीटर दूर कांशीवाला के समीप शिफ्ट किया जा सकता है। इसको लेकर कवायद तेज हो चुकी है। सरकार के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने कांशीवाला के समीप नैशनल हाईवे के साथ ही करीब 150 बीघा भूमि की तलाश की है। यह भूमि सरकारी है, जिस पर नगर परिषद का कब्जा है। सूत्रों के अनुसार हालांकि मेडिकल काॅलेज को लेकर देखी गई इस भूमि की प्रपोजल सरकार को भेजी जा रही है, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय सरकार लेगी। माना जा रहा है कि नए वर्ष में सरकार इस पर फैसला ले सकती है, क्योंकि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान भी इसके संकेत दे चुके हैं। बता दें कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सहित विधायक अजय सोलंकी ने मेडिकल काॅलेज का मुद्दा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष उठाया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने डीसी सिरमौर की अध्यक्षता में मेडिकल काॅलेज के लिए जगह की तलाश करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे। 

जरूरत 80 बीघा की, मिल गई 150 बीघा भूमि 
सूत्रों की मानें तो मेडिकल काॅलेज नाहन के लिए 80 बीघा भूमि की जरूरत है, लेकिन यहां 150 बीघा भूमि मिल गई है, ताकि भविष्य में मेडिकल काॅलेज के विस्तार के लिए किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। जैसे हालात आईजीएमसी शिमला में बने हैं, जहां विस्तार के लिए जगह ही नहीं है। लिहाजा इसका नया ब्लॉक चबियाना में बनाना पड़ा। ऐसी स्थिति नाहन में उत्पन्न न हो, इसी दृष्टि से कांशीवाला में जरूरत से अधिक 150 बीघा भूमि को तलाशा गया है। 

मेडिकल काॅलेज में सुविधाओं का अभाव 
वर्तमान में मेडिकल काॅलेज में सुविधाओं का भारी अभाव भी किसी से छिपा नहीं है। मरीज को यहां से रैफर करना भी आम बात हो गई है। प्रशासनिक भवन अभी तक खंडहरनुमा कमरों में चल रहे हैं। जहां तक स्वास्थ्य सुविधाओं की बात है, तो यहां तंग ओपीडी के बाहर मरीजों को घंटों लाइनों में लगना पड़ता है। बैठने तक की उचित सुविधा यहां मरीजों को नहीं मिल पाती। मेडिकल काॅलेज के प्रशिक्षु डाॅक्टरों को सेवाएं देने के लिए शहर से 4 किलोमीटर दूर से यहां पहुंचना पड़ता है। यहां अन्य भी कई ऐसी कमियां हैं, जिसे काफी समय से मरीज झेल रहे हैं।

8 वर्षों बाद भी नहीं मिला भवन 
दरअसल जिला सिरमौर को मेडिकल काॅलेज की सौगात मिले करीब 8 वर्षों का समय बीत चुका है। बावजूद इसके अब तक मैडीकल कालेज का भवन बनकर तैयार नहीं हो सका। लिहाजा पिछले कई वर्षों से यह मेडिकल काॅलेज पूर्व में स्थापित क्षेत्रीय अस्पताल के भवन में ही चल रहा है। क्षेत्रीय अस्पताल का वजूद खत्म हो चुका है। यहां मेडिकल काॅलेज भवन का निर्माण कार्य भी करीब अढ़ाई वर्षों से अधर में लटका है। सबसे बड़ी दिक्कत यह सामने आ रही है कि यह मेडिकल काॅलेज शहर की भीड़भाड़ के बीच पुराने अस्पताल के भवन में ही चल रहा है। इसका दंश अभी से मरीज झेल रहे हैं। दूसरा शहर के ट्रैफिक दबाव के बीच इस मेडिकल काॅलेज तक मरीज पहुंचाना भी कई बार मुश्किल हो जाता है। मेडिकल काॅलेज में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। वहीं एमरजैंसी में मरीजों को शहर की तंग सड़कों से मेडिकल काॅलेज तक पहुंचाना भी सबसे बड़ी चुनौती है। यहीं नहीं पिछले कई वर्षों से मेडिकल काॅलेज का एक बड़ा हिस्सा किराए के भवन में चल रहा है, जिसमें प्रशिक्षु डाक्टरों का होस्टल, मैस आदि शामिल हैं।

एक माह के भीतर लेंगे फैसला : हर्षवर्धन 
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि वर्तमान परेशानियों को देखते हुए मेडिकल काॅलेज को यहां से शिफ्ट करने का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया था। मुख्यमंत्री ने डीसी सिरमौर की अध्यक्षता में जमीन तलाशने के लिए कहा है। लगभग एक माह के भीतर मुख्यमंत्री इस पर फैसला ले सकते हैं। भविष्य को देखते हुए ही मैडीकल के लिए भूमि का चयन किया जाना है, ताकि यदि इसका विस्तार करना पड़े तो किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। 

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर तलाशी भूमि : सोलंकी 
नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि हालांकि मेडिकल काॅलेज के लिए 80 बीघा भूमि की जरूरत है, लेकिन भविष्य में इसके विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए 150 बीघा भूमि कांशीवाला के समीप तलाशी गई है। इसकी प्रपोजल सरकार को भेजी जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

सरकार से मिले थे भूमि तलाशने के निर्देश : डीसी 
डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने कहा कि सरकार की तरफ से मेडिकल काॅलेज के लिए भूमि तलाशने के निर्देश मिले थे, जिसके बाद कांशीवाला के समीप भूमि देखी गई है। भूमि की फिजिबिलिटी भी देखी जाएगी। यह भूमि हिमाचल सरकार की है। इसको लेकर मामला सरकार को भेजा जा रहा है। सरकार के निर्देशों पर ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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Content Writer

Vijay

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