जानिए क्यों चर्चा में आई भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष JP Nadda के बड़े बेटे की शादी

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 09:39 PM (IST)

बिलासपुर (ब्यूरो): आगामी 29 फरवरी को बिलासपुर जिला को उत्तरी भारत के श्रेष्ठ राजनीतिज्ञों सहित विभिन्न सामाजिक व अन्य बड़ी हस्तियों के आतिथ्य का मौका मिलने वाला है, वहीं बिलासपुरी धाम के स्वाद की प्रसिद्धि भी विभिन्न राज्यों तक पहुंचने वाली है। इन श्रेष्ठ हस्तियों का यह समागम बिलासपुर के विजयपुर गांव स्थित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के पैतृक निवास पर होगा, जहां नड्डा के बड़े बेटे गिरीश नड्डा के विवाह का सहभोज कार्यक्रम होगा, जिसमें सभी अतिथियों को बिलासपुरी धाम खिलाई जाएगी।

सहभोज में 15 से 20 हजार लोगों के आने की संभावना

हालांकि यह विवाह 25 फरवरी को राजस्थान की धार्मिक नगरी पुष्कर में संपन्न हो चुका है लेकिन विवाह समारोह की कुछ रस्में अभी बाकी हैं, जिन्हें नड्डा के बिलासपुर स्थित पैतृक निवास स्थान में पूर्ण किया जाएगा। नवदंपति, नड्डा परिवार व अन्य सभी रिश्तेदार 27 फरवरी की संध्या तक बिलासपुर पहुंच जाएंगे। 28 फरवरी को विजयपुर गांव स्थित नड्डा निवास में वधू प्रवेश की रस्म पूरी होगी। 29 फरवरी को नड्डा निवास में सहभोज रखा गया है। इस दिन विजयपुर गांव में खूब रौनक रहेगी। इस दौरान हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली सहित पूरे उत्तरी भारत के अतिथियों को बिलासपुर के सहभोज में शामिल होने को निमंत्रण भेजे गए हैं। लिहाजा इन राज्यों की सभी आमंत्रित हस्तियां बिलासपुर पहुंचेंगी। विजयपुर गांव में चल रहीं सहभोज कार्यक्रम की तैयारियां भी इस कार्यक्रम की भव्यता को दर्शाती प्रतीत होती हैं। ये तैयारियां बताती हैं कि इस सहभोज कार्यक्रम में 15 से 20 हजार लोगों के आने की संभावना है।

निमंत्रण पत्रिका के साथ पूरे देश में पहुंची हिमाचली संस्कृति व लोककला

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सपुत्र का यह वैवाहिक समारोह अपनी सादगी को लेकर काफी चर्चा में है। विवाह के निमंत्रणों से लेकर विवाह की समस्त रस्मों व सहभोज समारोह में पर्यावरण व सांस्कृतिक मूल्यों सहित हिमाचली संस्कृति के प्रसार का भी बेहद बारीकी से ध्यान रखा गया है। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए विवाह समारोह की निमंत्रण पत्रिका भी जूट से बनाई गई है। राष्ट्रपति को जहां निमंत्रण पत्र के साथ ‘देवदार वृक्ष के फूल’ दिए गए, वहीं प्रधानमंत्री को प्रसिद्ध ‘चंबयाली रुमाल’ व ‘चंबयाली जरीस’ भेंट की गई। दूसरी ओर देश के अन्य विशिष्टातिथियों को निमंत्रण पत्र के साथ ‘हिमालयन हनी’, लाहौल घाटी की प्रसिद्ध ‘पांगी की ठांगी’ भेंट की गई है। इन उपहारों के साथ उपहार के इतिहास व महत्व को बताने वाली लिखित जानकारी भेंट कर हिमाचली संस्कृति का प्रसार करने की अनोखी व सफल कोशिश नजर आई।

समारोह में नहीं होगा सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों का प्रयोग

29 फरवरी के सहभोज व आने वाले अथितियों के सत्कार सहित समारोह से संबंधित अन्य आयोजनों की तैयारियों में जुटे विभिन्न टीमों के सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर जो जानकारी दी, उसके अनुसार 29 फरवरी के इस समारोह में सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों को बिल्कुल भी प्रयोग नहीं किया जाएगा। भोजन भी पत्तों से बनी परंपरागत पत्तलों में ही परोसा जाएगा। धाम के दौरान पानी पिलाने के लिए स्टील के गिलासों का प्रयोग होगा। स्वयंसेवियों की ही एक विशेष टीम बनाई गई है, जो पूरे समारोह के दौरान यह नजर रखेगी कि कहीं कोई कूड़ा न बिखरे व यदि बिखरा मिले तो उसे तुरंत समेटा जाए।

विजयपुर की सड़क पर वन-वे रहेगा ट्रैफिक

इस कार्यक्रम में शिरकत करने विजयपुर पहुंचने वाले अतिथियों की बड़ी संख्या को देखते हुए नड्डा निवास विजयपुर जाने वाली सड़क को भी वन-वे करने की योजना है। चर्चा है कि अमरपुर की तरफ से ही गाडिय़ों का आना रहेगा व सभी वापसी पर गाडिय़ां राहियां होते हुए सीधा भगेड़ में पुन: मुख्य सड़क पर पहुंचेंगी। इस सारे प्लान को पुलिस प्रशासन के सहयोग से अमलीजामा पहनाया जाएगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vijay

Recommended News

Related News