Mandi: कुक्कुट पालन से आत्मनिर्भर बनी दुगराईं की हेमा, सरकार देती है 60 प्रतिशत तक का अनुदान

punjabkesari.in Tuesday, Aug 27, 2024 - 11:21 AM (IST)

चल चौक/गोहर, (योगिंद्र/ख्यालीराम): प्रदेश सरकार की हिम कुक्कुट पालन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार का महत्वपूर्ण साधन बन रही है। गोहर उपमंडल के दुगराईं गांव की रहने वाली हेमा देवी ने इस योजना के तहत आत्मनिर्भरता की राह चुनी है। वर्ष 2022-23 में इन्होंने सुंदरनगर के सरकारी पोल्ट्री फार्म में 15 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया और उसके बाद कुक्कुट पालन योजना के लिए आवेदन किया।

हेमा ने बताया कि जुलाई, 2024 में उन्हें विभाग द्वारा 3 हजार चूजों की पहली किस्त के तौर पर मुर्गी के एक हजार चूजे दिए गए हैं। 88 हजार रुपए की राशि जमा करवाने पर उन्हें एक हजार मुर्गी चूजे के अतिरिक्त चूजों के आहार के लिए 60 फीड बैग, आहार भंडारण के लिए 30 फीडर तथा पानी भंडारण के लिए 30 ड्रिंकर भी विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं।

हेमा कुमारी का कहना है कि बाजार में चिकन की मांग अधिक होने पर उन्हें अच्छे दाम मिल जाते हैं तथा एक हजार मुर्गों पर 50 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक अनुमानित लाभ अर्जित कर लेते हैं। उनका कहना है कि मुर्गी शैड के लिए भी सरकार की ओर से उन्हें एक लाख 60 हजार रुपए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वे किसानों को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने के लिए चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अवश्य उठाएं।

सरकार देती है 60 प्रतिशत तक का अनुदान

बता दें कि इस योजना के तहत मुर्गी पालन पर कुल पूंजी निवेश का 60 प्रतिशत अनुदान सरकार की ओर से दिया जाता है। लाभार्थी किसान को सरकारी पोल्ट्री फार्म में लगभग 15 दिनों से एक महीने तक प्रशिक्षण करवाया जाता है और उसके उपरांत लाभार्थी किसान को मुर्गी के 3000 चूजे दिए जाते हैं। यह चूजे 1-1 हजार की 3 किस्तों में उपलब्ध करवाए जाते हैं। उपमंडल अधिकारी गोहर लक्ष्मण सिंह कनेट ने बताया कि हिम कुक्कुट पालन योजना के तहत उपमंडल में ऐसे किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है जिनका प्राथमिक व्यवसाय कृषि व पशुपालन है। अगर किसी किसान को ऐसी योजनाओं का लाभ लेना हो तो वह पशु चिकित्सा अधिकारी गोहर से संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।


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News Editor

Rahul Singh

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