Mandi: सरकार विपक्ष को कोसने और गाली देने में समय कर रही बर्बाद : जयराम
punjabkesari.in Tuesday, Nov 11, 2025 - 10:38 PM (IST)
मंडी (रजनीश): नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को मंडी में प्रैस वार्ता के दौरान सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को कोसने और गाली देने में समय बर्बाद कर रही है, जबकि विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर सबसे गंभीर आरोप वित्तीय वर्ष के मध्य में आबकारी नीति के कोटे में परिवर्तन करने को लेकर जड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम की वजह से विभाग को प्रति पेटी 1,250 रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने एक्साइज पॉलिसी में बदलाव कर प्रदेश में बहुत बड़े भ्रष्टाचार को पनाह दी है और जल्द सरकार के इस भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ होने वाला है। प्रदेश की यह सरकार केजरीवाल की तर्ज पर कार्य कर रही है तथा केजरीवाल की तरह इस भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले अधिकारी और प्रदेश सरकार के मंत्री जेल में जाएंगे।
गिने-चुने आपदा प्रभावितों को ही दिया किराया
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार के 2023 के 4,500 करोड़ रुपए के आपदा राहत पैकेज को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में आपदा राहत पैकेज देने के सुक्खू सरकार के बड़े-बड़े दावे हवा-हवाई साबित हुए हैं। जब सरकार से विधानसभा में आंकड़ा मांगा गया तो 4,500 करोड़ में से 300 करोड़ भी सरकार आपदा प्रभावितों को नहीं दे पाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू पर तंज कसते हुए कहा कि वह दावे के साथ कह सकते हैं कि अब तक प्रदेश सरकार से ज्यादा आपदा प्रभावितों की मदद विभिन्न संस्थाओं के लोग कर चुके हैं। उन्हाेंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार द्वारा गिने-चुने आपदा प्रभावितों को ही किराया दिया जा रहा है। इस किराए का विवरण भी उन्होंने सरकार से मांगा है और आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
नकारात्मक सोच के साथ काम करने वाला मुख्यमंत्री आज तक प्रदेश को नहीं मिला
पड्डल मैदान में संपन्न हुए प्रदेश सरकार के आपदा राहत वितरण कार्यक्रम को जयराम ठाकुर ने पूरी तरह से राजनीतिक कार्यक्रम बताया। उन्होंने कहा कि सी.एम. सुक्खू और उनके मंत्रियों ने इस कार्यक्रम का उपयोग राजनीतिक भड़ास निकालने और जयराम ठाकुर को कोसने के अलावा और कोई काम नहीं किया। ऐसे मौकों पर सरकार को संवेदनशीलता दिखानी होती है, लेकिन भाषायी स्तर पर हर मर्यादा तोड़ी गई। पूरे कार्यक्रम का राजनीतिकरण हो सके, इसीलिए सरकार ने जानबूझकर विपक्ष के विधायकों को इस मौके पर नहीं बुलाया। ऐसी नकारात्मक सोच के साथ काम करने वाला मुख्यमंत्री आज तक प्रदेश को नहीं मिला।

