देव नीति पर राजनीति का हावी होना देव परंपरा के खिलाफ

punjabkesari.in Monday, Nov 16, 2020 - 10:46 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): अधिष्ठाता रघुनाथ जी के मंदिर में सोमवार को देव संसद का आयोजन किया गया। जगती के नाम से विख्यात इस देव कारज में 200 से अधिक देवी-देवताओं के देव निशान लाए गए। देव कारकूनों ने इस देव कारज में हिस्सा लिया। जगती में आए देवी-देवताओं के प्रतिनिधि गुरों ने देव आदेश सुनाए तथा कहा कि देव नीति पर राजनीति का हावी होना देव परंपरा के खिलाफ है। ढालपुर में दशहरा उत्सव के दौरान देवी-देवताओं के लिए हुई बाड़बंदी व रास्ते बंद किए जाने से अठारह करडू री सौह के नाम से विख्यात ढालपुर की भूमि अपवित्र हो गई है। देवी-देवताओं को उत्सव में न बुलाए जाने से देवी-देवता नाराज हैं जिसका जिक्र देवी-देवताओं के गुरों ने देव वाणी सुनाते हुए किया।

इसके समाधान के रूप में अब ढालपुर में छिद्रा का आयोजन किया जाएगा और काहिका उत्सव होगा। काहिका उत्सव की तिथि देव आदेश पर ही भविष्य में तय की जाएगी। इस देव कारज को आगामी वर्ष ही संभावित माना जा रहा है। इसी प्रस्तावित देव कारज के साथ महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा। इस बार दशहरा उत्सव में देवी-देवताओं को निमंत्रण भी नहीं भेजे गए थे। पाबंदियों के बीच सिर्फ 7 देवी-देवताओं को उत्सव में बुलाया था और फिर भी 12 देवी-देवताओं के रथ उत्सव में आए थे। शासन-प्रशासन द्वारा कड़े पहरे व पाबंदियों के बावजूद दशहरा उत्सव हुआ और इस देव कारज में कई खामियां भी रह गईं। इन्हीं खामियों को देखते हुए नाराज देवी-देवताओं ने जगती के आदेश दिए थे।

अन्नकूट पर्व भी मनाया
 इसी के साथ जगती के उपरांत रघुनाथ मंदिर में अन्नकूट पर्व भी मनाया गया। रघुनाथ जी को सिया और लखन सहित अन्न के ढेर पर विराजमान करवाया गया और फिर विशेष पूजा-अर्चना हुई। विभिन्न दूरदराज के ग्रामीण इलाकों से पहुंचे देवलुओं और श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद भी वितरित किया गया। प्रशासन की ओर से एस.डी.एम. कुल्लू डा. अमित गुलेरिया ने जगती जैसे देव कारज में शिरकत की।

देव आदेशानुसार होगी आगामी कार्रवाई
जगती में सभी देवी-देवताओं के प्रतिनिधि गुरों ने दशहरा उत्सव में देव परंपरा का सही तरीके से निर्वहन न किए जाने की बात दोहराई और इसके लिए छिद्रा व काहिका का आदेश दिया। काहिका को नरमेध यज्ञ भी कहते हैं। रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहा कि देव आदेश के अनुसार अब आगामी कार्य होंगे।


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Kuldeep

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