जान जोखिम में डालकर कर रहे ब्यास से अठखेलियां, हादसों से नहीं ले रहे सबक

punjabkesari.in Monday, Sep 10, 2018 - 07:53 PM (IST)

कुल्लू: ब्यास की उफनती लहरों में डुबकी लगाना युवकों को मानों कोई छोटा-सा खेल लगता है। बजौरा से मनाली तक राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बह रही ब्यास नदी में रोजाना अनेकों युवकों को अपनी जान को जोखिम में डालकर ब्यास की लहरों में डुबकियां लगाते देखा जा सकता है। इनमें ज्यादातर युवक स्कूल से बंक मारकर ब्यास नदी के अलावा छोटे-छोटे नदी-नालों में डुबकियां लगाने पहुंचते हैं। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा ब्यास नदी के किनारे जगह-जगह पर ब्यास के किनारे न जाने के लिए चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं, लेकिन बावजूद इसके युवक अपनी जान की परवाह किए बगैर ब्यास की जानलेवा लहरों के नजदीक धड़ल्ले से जा रहे हैं।


युवकों में उफनती लहरों में डुबकी लगाने का क्रेज
नदी की उफनती लहरों में डुबकी लगाने का क्रेज युवकों की जान पर भारी पड़ रहा है। दिनोंदिन नदी-नालों में नहाने के दौरान कई लोगों की मौत के मामले भी सामने आए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में मंडी जिला के गोहर में भी स्कूल का छात्र खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने गया था और वहां ज्यूणी खड्ड में समा गया था। कई बार ब्यास की उफनती लहरों से अठखेलियां करना बहुत महंगा पड़ जाता है। कुछ समय पहले मनाली में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां मनाली से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेहरू कुंड के पास एक पर्यटक को सैल्फी लेना महंगा पड़ गया था। जहां सैल्फी लेने के चक्कर में उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।


इसी माह गई 25 लोगों की जान
 वहीं 4 साल पहले मंडी के थलोट में इसी महीने की 8 तारीख को हुए एक हादसे में सैल्फी लेने व पानी में मौज-मस्ती करने के चक्कर में 25 लोगों की जान चली गई थी, जिसमें हैदराबाद के 24 होनहार इंजीनियर छात्रों को जान से हाथ धोना पड़ा था। कुल्लू-मनाली के पास ही अक्सर पर्यटकों को ब्यास में उतर कर मौज-मस्ती करते हुए देखा जा सकता है। ऐसे में थोड़ी-सी लापरवाही के चलते हर बार अनेकों पर्यटक अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं शहर के बुद्धिजीवियों ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से मांग की है कि पहले की तरह रोजाना पुलिस वाहन द्वारा ब्यास नदी के किनारे मौज-मस्ती करने वाले पर्यटकों को जाने से रोका जाए। 


पुलिस द्वारा नदी में जाने से बच्चों को रोक रहे हैं
एस.पी. कुल्लू  शालिनी अग्रिहोत्री का कहना है कि प्रशासन द्वारा जो बोर्ड लगाए गए थे, उन्हें सड़क की चौड़ाई के कार्य के दौरान हटाया गया है। पुलिस कर्मचारियों को लगाकर बच्चों को नदी में जाने से रोक रहे हैं।


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Kuldeep

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